यह पुस्तक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तथा उनके निकट सहयोगी सृजन पाल सिंह के प्रत्यक्ष अनुभवों पर आधारित है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में टिकाऊ विकास प्रणाली के विकास तथा क्रियान्वयन के ऐसे प्रमाण दिए गए हैं, जिनमें अलग परिस्थितियों में भिन्न रणनीतियाँ अपना..
डॉ. कलाम क्या हैं, कौन हैं? वह सभी के प्रेम, सम्मान तथा प्रशंसा के पात्र क्यों हैं? वे कौन सी बातें हैं, जो उन्हें लोकप्रिय बनाती हैं? कौन सी विशेषताएँ उन्हें दूसरों से भिन्न बनाती हैं?
यह पुस्तक इन प्रश्नों का सर्वथा सही, उचित और सार्थक उत्तर देने का प्रयास करती है । यह न तो पारंपरिक अर्थों में ज..
क्या भारत एक महाशक्ति बन सकता है? इस प्रश्न के उत्तर में राष्ट्रपति डॉ. कलाम ने महाशक्ति भारत के स्वरूप की जो रूपरेखा, योजनाओं का जो खाका प्रस्तुत किया है वह व्यावहारिक है। पिछले कुछ वर्षों में देश भर के पाँच लाख से अधिक छात्रों से भेंट कर उनसे ‘महाशक्ति भारत’ के स्वप्न को रचनात्मक कार्यों द्वारा सा..
• जिम्मेदार, साधारण, ईमानदार और परिश्रमी लोगों को ईश्वर स्वयं सम्मानित करते हैं क्योंकि उसका कहना है कि ये लोग उसकी प्रकृति की सर्वोत्तम कृति हैं। • सादगी और कड़ी मेहनत को अपनाइए, सफलता का यही एकमात्र रास्ता है।
• परिवर्तन निर्णायक होता है। इससे नए विचार सामने आते हैं; नए विचारों से ही नए कार्यों क..
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का स्वप्न है कि वर्ष 2020 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बने। प्रस्तुत पुस्तक में लेखकद्वय डॉ. कलाम व डॉ. सिवताणु पिल्लै ने इस स्वप्न को साकार करने की प्रक्रिया का बड़ी ही सूक्ष्मता और गहराई से विश्लेषण किया है। विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में छात्र, यु..
भारत महान् राष्ट्र है, जहाँ समृद्ध विरासत एवं ज्ञान का ऐसा भंडार है, जिसमें पूरे विश्व को बदलने की संभावनाएँ निहित हैं। पिछले हजारों वर्षों से इस देश की संस्कृति, वैज्ञानिक प्रतिभाओं तथा सभ्यता पर लगातार आक्रमण होते रहे। औद्योगिक क्रांति के प्रति उदासीनता, कृषि की खराब स्थिति, संसाधनों के कुप्रबंधन ..
भारत महान् राष्ट्र है, जहाँ समृद्ध विरासत एवं ज्ञान का ऐसा भंडार है, जिसमें पूरे विश्व को बदलने की संभावनाएँ निहित हैं। पिछले हजारों वर्षों से इस देश की संस्कृति, वैज्ञानिक प्रतिभाओं तथा सभ्यता पर लगातार आक्रमण होते रहे। औद्योगिक क्रांति के प्रति उदासीनता, कृषि की खराब स्थिति, संसाधनों के कुप्रबंधन ..
परिवार व राष्ट्र के विकास के माध्यम से ही एक शांतिपूर्ण, सुखी व समृद्ध समाज का विकास हो सकता है। सुविख्यात जैन मुनि आचार्य महाप्रज्ञ तथा पूर्व राष्ट्रपति भारत-रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का समाज के प्रति समर्पण और उसकी उन्नति के प्रति चिंता सर्वविदित है; परंतु विसंगतियों के बावजूद उसके सशक्त ह..
मैं यह पुस्तक इसलिए लिख रहा हूँ ताकि मेरे युवा पाठक उस आवाज को सुन सकें, जो कह रही है-' आगे बढ़ो ' । अपने नेतृत्व को हमें समृद्धि की ओर ले जाना चाहिए । रचनात्मक विचारोंवाले युवा भारतीयों के विचार स्वीकृति की बाट जोहते-जोहते मुरझाने नहीं चाहिए । जैसाकि कहा गया है-चितन पूँजी है, उद्यम जरिया है और कड़ी म..
हम भारतीयों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सभी जरूरी संसाधन पर्याप्त मात्रा में देश में उपलब्ध हैं। हमारे यहाँ बहुत सी नीतियाँ और संस्थाएँ हैं। चुनौती है तो बस शिक्षकों, विद्यार्थियों और तकनीक-विज्ञान को एक सूत्र में पिरोकर एक दिशा में चिंतन करने की।
प्रस्तुत पुस्तक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में ..