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जीवनी

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लोहिया का नाम लेने वाले, समाजवाद की रट लगाने वाले और समता समाज का नारा लगाने वाले, सभी भ्रमित होकर केवल विशेष अवसर को ही अंतिम लक्ष्य मान चुके हैं। द्वेष, जलन, हिंसा, व्यक्तियों की स्वार्थोन्नति और राजनीति पर कब्जा, यही उनके विशेषाधिकार का मूलमंत्र है। यदि इस सिद्धांत के द्वारा जाति विनाश, समान शिक्..
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‘जिम’ कॉर्बेट का जन्म 25 जुलाई, 1875 को नैनीताल में हुआ था। उन्हें ब्रिटेन में शिकारी, प्रकृतिविद्, लेखक और जीव-संरक्षणवादी के रूप में जाना जाता है; लेकिन भारत में वह इन सभी से ज्यादा नरभक्षी बाघों और तेंदुओं के शिकारी के रूप में जाने जाते हैं।18 साल के होते-होते जिम ने पढ़ाई छोड़ दी। उन्हें बिहार क..
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इन्फोसिस की विस्मयजनक उन्नति का श्रेय श्री एन.एम. नारायण मूर्ति की कल्पनाशीलता और दूरदृष्‍ट‌ि को जाता है। उन्होंने बीस वर्षों तक कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की हैसियत से अपनी प्रतिभा, लगन, परिश्रम से सींचकर इसे पुष्पित-पल्लवित किया। सन् 1981 में अपनी पत्‍नी श्रीमती सुधा मूर्ति से दस हजार रुपए ..
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सी.वी. रमन विज्ञान की दुनिया में एक ऐसा नाम है, जिनका न केवल भारत में बल्कि समूचे विश्‍व में एक विशिष्‍ट स्थान है। वे ही एकमात्र भारतीय वैज्ञानिक हैं, जिन्हें देश में किए गए आविष्कार के लिए नोबेल पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। यह पुरस्कार उन्हें ‘प्रकाश प्रकीर्णन’ पर उनकी मौलिक खोज के लिए सन् 1930 म..
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‘डी. एच. लॉरेंस की लोकप्रिय कहानियाँ’ साहित्य के विविध रस समेटे हुए हैं। इस कहानी-संकलन में उनके इस वैशिष्ट्य को परखा जा सकता है। भाग्य और वैभव की लोलुपता मनुष्य को किस त्रासदी तक ले जाती है, इसका साक्ष्य ‘काठ का अनाम घोड़ा’ कहानी है। उनकी चर्चित कहानी ‘अंतर्ध्वनि’ स्त्री-पुरुष के मानवीय संबंध के सं..
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दीनदयाल उपाध्याय का जीवन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ तथा भारतीय जनसंघ के साथ एकात्म था। भारतीय जनसंघ उनकी निर्णायक भूमिका व नेतृत्व के कारण भारतीय राजनीति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक दल बना। दीनदयाल उपाध्याय संविधानवाद को धर्म-राज्य के रूप में स्वीकार करते थे। वे मिश्रित किंवा धर्मनिरपेक्ष राष्ट्..
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एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान क्या बाजारवाद (पूँजीवाद) तथा राज्यवाद (साम्यवाद) विचारधाराएँ आधुनिक मानव को भीतरी सुख दिला सकती हैं? क्या इस देश के करोड़ों लोग पश्चिमी अवधारणाओं के अनुसार ही जीवन जीने को अभिशप्त हैं? क्या भारत की प्रजा के पास इसका कोई समाधान नहीं है? भारत के एक युगऋष..
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‘देखा मैंने’ लेखक हसमुख शाह के जीवन का प्रामाणिक दस्तावेज तो है ही, साथ ही वह उनकी जीवन-दृष्टि और जीवन का अवलोकन का भी एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है। महत्त्वपूर्ण इसलिए कि लेखक हसमुख शाह कदाचित् अकेले ऐसे अधिकारी हैं, जिन्होंने देश के तीन प्रधानमंत्रियों के कार्यालय में उच्च पद पर कार्य करने का सौभाग्..
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क्रिकेट-जगत् में महेंद्र सिंह धोनी ने सफलता के नए शिखर छुए हैं। छोटी अवधि में ही धोनी ने करोड़ों खेल-प्रेमियों के हृदय पर आसन जमा लिया है। ये युवा धोनी की कलात्मक व आक्रामक बल्लेबाजी एवं कुशल कप्तानी से बहुत कुछ सीखते हैं, प्रेरणा लेते हैं। सामान्य घरेलू क्रिकेट से प्रारंभ करके धोनी ने अंतरराष्ट्रीय..
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दुनिया में हर युग, हर काल में ऐसे अद‍्भुत लोग हुए हैं, जिनके भीतर अपने देश, समाज और मनुष्य की बेहतरी का सपना था, जिसके लिए कुछ कर गुजरने की धुन उन्हें हर वक्‍त आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रही। ऐसे लोगों में लेखक, संत, समाज-सुधारक, स्वाधीनता सेनानी और नई-नई खोजों में जुटे वैज्ञानिक सभी तरह के व्यक्‍तित..
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यह कहानी इतिहास के मलबे में करीब 1200 सालों से दबी हुई थी। यह एक ऐसी कहानी है, जिसमें वीरता, पराक्रम, त्याग जैसे शब्द एक ऐसी स्त्री के साथ जुड़े हुए हैं, जिसने अपनी शारीरिक अपंगता को धता बताकर मध्यकालीन विश्व में इतिहास में सबसे लंबे समय तक राज किया, को महान् रानी के रूप में याद किया जाता है। यह कहा..
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शिबू सोरेन यानी गुरुजी यानी दिशोम गुरु झारखंड आंदोलन और झारखंड के सबसे बड़े आदिवासी नेता रहे हैं। उन्होंने झारखंड राज्य के लिए 40 साल से ज्यादा संघर्ष किया। अधिकांश समय जंगलों में रहकर संघर्ष में काटा, आदिवासियों को महाजनों के चंगुल से मुक्ति दिलाई। लेकिन देश उनके इस संघर्ष को नहीं जानता। युवा पीढ़ी..
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