जीवनी - Dhun Ke Pakke
दुनिया में हर युग, हर काल में ऐसे अद्भुत लोग हुए हैं, जिनके भीतर अपने देश, समाज और मनुष्य की बेहतरी का सपना था, जिसके लिए कुछ कर गुजरने की धुन उन्हें हर वक्त आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रही। ऐसे लोगों में लेखक, संत, समाज-सुधारक, स्वाधीनता सेनानी और नई-नई खोजों में जुटे वैज्ञानिक सभी तरह के व्यक्तित्व थे।
‘धुन के पक्के’ पुस्तक में डॉ. सुनीता ने बड़े भावपूर्ण ढंग से भारत और विश्व के अन्य देशों के उन महानायकों और तेजस्वी महिलाओं का चित्रण किया है, जिन्होंने विश्व और मानवता के हित के लिए बड़े-से-बड़े कष्ट हँसते हुए सहे और ऐसे महा अभियानों में लगे रहे, जिनसे इनसान को नई-से-नई मंजिलें मिलीं। इनमें प्रेमचंद और रवींद्रनाथ ठाकुर जैसे महान् लेखक हैं तो ज्योतिबा फुले, नारायण गुरु और महर्षि कर्वे जैसे समाज-सुधारक भी; तेनजिंग नोरगे, स्कॉट और लिविंग्स्टन जैसे कठिन अभियानों पर निकले दु:साहसी यात्री हैं तो राइट बंधुओं और एलियस होव जैसे धुनी वैज्ञानिक भी, जिन्होंने अपनी अथक मेहनत के बल पर मनुष्य की असंभव कल्पनाओं को भी सच करके दिखाया। विश्वास है, विश्व के अनेक तेजस्वी महानायकों का स्मरण कराती यह पुस्तक हर वर्ग के पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी और उन्हें अपने जीवन में कोई बड़ा काम करने के लिए प्रेरित भी करेगी।क्रम1. ईसप की कथा : घर-घर पहुँचीं वे अनोखी कहानियाँ — Pgs. 112. दानवीर राजा शिवि : शरण में आए हुए की रक्षा — Pgs. 153. झाँसी की रानी : अपनी झाँसी नहीं दूँगी! — Pgs. 174. वीर संन्यासी : जिन्होंने सोए हुए देश को जगाया — Pgs. 225. अमर शहीद ‘बिस्मिल’ : क्रांतिकारी आंदोलन के नायक — Pgs. 276. रवींद्रनाथ ठाकुर : एक स्वप्नदर्शी विश्व-कवि — Pgs. 307. चंद्रशेखर वेंकट रामन : भारत के महान् वैज्ञानिक — Pgs. 348. प्रेमचंद : जनता का सच्चा लेखक — Pgs. 399. कस्तूरबा : समर्पण की अनोखी मिसाल — Pgs. 4410. साने गुरु जी : एक सच्चे गांधीवादी की तड़प — Pgs. 4811. डॉ. राजेंद्रप्रसाद : भारत के प्रथम राष्ट्रपति — Pgs. 6012. राइट बंधु : हवा में उड़ने का जोखिम — Pgs. 6513. जॉन गुटेनबर्ग : लो शुरू हुई किताब की कहानी — Pgs. 6914. एलियस होव : यों बनी सिलाई मशीन — Pgs. 7215. हेनरी ड्यूनाँ : जिनसे शुरू हुई रेडक्रॉस की कहानी — Pgs. 7716. नारायण गुरु : सच्चे हृदय से निकली बातें — Pgs. 8217. महर्षि कर्वे : स्त्रियों में जागृति और शिक्षा का मिशन — Pgs. 8618. महात्मा हंसराज : मैं नींव में पड़ने वाला पत्थर हूँ! — Pgs. 9119. लिविंग्स्टन : अँधेरी दुनिया का दीया — Pgs. 9620. रॉबर्ट फाल्कन स्कॉट : दक्षिणी ध्रुव का अथक यात्री — Pgs. 10121. तेनजिंग नोरगे : पहला एवरेस्ट विजेता — Pgs. 10522. बचेंद्रीपाल : भारत की पहली एवरेस्ट विजेता महिला — Pgs. 10923. ज्योतिबा फुले : दलितों और स्त्रियों के मसीहा — Pgs. 11424. भगिनी निवेदिता : वह समर्पित तेजस्वी शिष्या — Pgs. 11825. दादा साहब फालके : भारतीय सिनेमा के आदिपुरुष — Pgs. 12226. मदनलाल ढींगरा : एक निर्भीक क्रांतिकारी का बलिदान — Pgs. 12727. सर गंगाराम : वह अद्भुत देशभक्त इंजीनियर — Pgs. 13228. मादाम भीखाजी कामा : जिन्होंने सबसे पहले तिरंगा लहराया — Pgs. 136
जीवनी - Dhun Ke Pakke
Dhun Ke Pakke - by - Prabhat Prakashan
Dhun Ke Pakke - दुनिया में हर युग, हर काल में ऐसे अद्भुत लोग हुए हैं, जिनके भीतर अपने देश, समाज और मनुष्य की बेहतरी का सपना था, जिसके लिए कुछ कर गुजरने की धुन उन्हें हर वक्त आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रही। ऐसे लोगों में लेखक, संत, समाज-सुधारक, स्वाधीनता सेनानी और नई-नई खोजों में जुटे वैज्ञानिक सभी तरह के व्यक्तित्व थे। ‘धुन के पक्के’ पुस्तक में डॉ.
- Stock: 10
- Model: PP1287
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1287
- ISBN: 8188140627
- ISBN: 8188140627
- Total Pages: 140
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2016
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00