आज का युग प्रतियोगिताओं का युग है। बचपन से लेकर नौकरी-व्यवसाय तक, हमेशा कठिन परीक्षाओं से जूझना पड़ता है। आज कंपटीशन शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक अधिक है। किसी भी प्रवेश परीक्षा में, नियुक्ति आदि की परीक्षा में सबसे अधिक जोर जनरल नॉलेज पर रहता है। चयनकर्ता जानना चाहते हैं कि परीक्षार्थी ज्ञान-विज्ञान..
पढ़ने-लिखने में एक साधारण सा बालक। मैट्रिक पास करके बड़े सपने लिये लंदन में वकालत पढ़ने जाता है कि वापस लौटकर ढेर सारा पैसा कमाएगा। लेकिन बैरिस्टर बनने के बाद जब वह भारत लौटता है तो उसकी वकालत चल नहीं पाती। उसका झेंपू और दब्बू स्वभाव उसकी उम्मीदों पर पानी फेर देता है। केस लड़ते समय उसे पसीना आ जाता ..
प्रस्तुत संकलन ‘उठ जाग मुसाफिर’ के ललित-निबंधों में पग-पग पर पाठकों को उल्लास-उमंग भरी शब्द-सुगंध का प्रसार मिलेगा, और वह भी वैचारिक छुअन के साथ। सृजित ललित-प्रसार अनुरंजन के साथ-साथ टूटते-बिखरते और सिमटते हताश जनों को जीने के प्रति आश्वस्त करता है। कसौटी है तृप्ति की, जो पाठकों को भरपूर रूप में म..
‘उत्सव’ जीवन में उत्साह का संचार करते हैं। जिस समाज में उत्सव जितने जोश और आनंद से मनाए जाते हैं, वह समाज उतना ही जीवंत माना जाता है। भारतवर्ष अत्यंत प्राचीन देश है। यहाँ अवतारों, वीरों, धर्मगुरुओं की संख्या सहस्रों तक जाती है। विद्यालयों में सभी की जयंती मनाना संभव नहीं है। अनेक पर्व ऋतु-परिवर्तन स..