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छात्रोपयोगी - Uth Jaag Musafir

छात्रोपयोगी - Uth Jaag Musafir
प्रस्तुत संकलन ‘उठ जाग मुसाफिर’ के ललित-निबंधों में पग-पग पर पाठकों को उल्लास-उमंग भरी शब्द-सुगंध का प्रसार मिलेगा, और वह भी वैचारिक छुअन के साथ। सृजित ललित-प्रसार अनुरंजन के साथ-साथ टूटते-बिखरते और सिमटते हताश जनों को जीने के प्रति आश्‍वस्त करता है। कसौटी है तृप्‍ति की, जो पाठकों को भरपूर रूप में मिलेगी। देश-काल और जीवन-दर्शन के साथ अपनी कृषि-संस्कृति, अपनी जमीन, गाँव-घर और इनसे जुड़े हुए पर्यावरणीय संदेश, संबंधित चिंतन-मंथन कृति को गंभीरता प्रदान करते हैं। आस्था, सकारात्मक भाव और सुलझाव रचनाओं के केंद्रीय भाव-तत्त्व हैं। इन्हीं के साथ चलकर लेखक अपने प्रिय गाँवों की विस्तार से सुधि लेता है। आकर्षण में विवश होकर पाठक को भी उसके साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलना पड़ता है। आप भी आमंत्रित हैं। विश्‍वास है कि पठनानंद से आपकी झोली भर जाएगी!

छात्रोपयोगी - Uth Jaag Musafir

Uth Jaag Musafir - by - Prabhat Prakashan

Uth Jaag Musafir - प्रस्तुत संकलन ‘उठ जाग मुसाफिर’ के ललित-निबंधों में पग-पग पर पाठकों को उल्लास-उमंग भरी शब्द-सुगंध का प्रसार मिलेगा, और वह भी वैचारिक छुअन के साथ। सृजित ललित-प्रसार अनुरंजन के साथ-साथ टूटते-बिखरते और सिमटते हताश जनों को जीने के प्रति आश्‍वस्त करता है। कसौटी है तृप्‍ति की, जो पाठकों को भरपूर रूप में मिलेगी। देश-काल और जीवन-दर्शन के साथ अपनी कृषि-संस्कृति, अपनी जमीन, गाँव-घर और इनसे जुड़े हुए पर्यावरणीय संदेश, संबंधित चिंतन-मंथन कृति को गंभीरता प्रदान करते हैं। आस्था, सकारात्मक भाव और सुलझाव रचनाओं के केंद्रीय भाव-तत्त्व हैं। इन्हीं के साथ चलकर लेखक अपने प्रिय गाँवों की विस्तार से सुधि लेता है। आकर्षण में विवश होकर पाठक को भी उसके साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलना पड़ता है। आप भी आमंत्रित हैं। विश्‍वास है कि पठनानंद से आपकी झोली भर जाएगी!

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  • Stock: 10
  • Model: PP1032
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1032
  • ISBN: 9789381063521
  • ISBN: 9789381063521
  • Total Pages: 128
  • Edition: Edition 2019
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2019
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00