कहानी - Vishwaprasiddha Lokpriya Kahaniyan
यों तो कथावाचन-प्रवणता भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है, परंतु यथार्थपरक पाश्चात्य कथाशिल्प का गहन प्रभाव आधुनिक भारतीय साहित्य पर पड़ा है। एक ओर जहाँ कथा सरित्सागर, पंचतंत्र और जातक-कथाओं की परंपरा धरोहर में मिली है, वहीं अरबी-फारसी किस्सागोई के भी हम मुरीद हुए हैं। अंग्रेजी, रूसी और कुछ अन्य यूरोपियन भाषाओं के समाजोन्मुख यथार्थवाद का अनुसरण भी भारतीय भाषाओं के कथा-साहित्य में हुआ है।
दुनिया के जाने-माने कथाकारों (मास्टर्स) की विश्वविश्रुत कहानियों को चुनकर वरिष्ठ साहित्य-मर्मज्ञ श्री तिलक ने उन्हें सहज-सरल और आम बोलचाल की भाषा में इस संकलन में प्रस्तुत किया है। विश्व वाङ्मय के बारह श्रेष्ठ कथा-लेखकों की प्रतिनिधि रचनाओं के इस नायाब चयन में लियो टालस्टॉय, एंटन चेखव, पुश्किन, बाल्जक, मोपांसा, जॉन कोलियर और ओ. हेनरी आदि दिग्गज किस्सागो अपनी अनोखी विशिष्टताओं, विलक्षण शिल्प और मनमोहक शैली
के साथ हिंदी के पाठकों के समक्ष उपस्थित हैं।अनुक्रमउस्तादों की बेमिसाल किस्सागोई — 7दो हरफी — 91. प्रायश्चि — लियो एन. टालस्टाय — 132. उथल-पुथल — ऐंटन चेखव — 223. गोली का निशान — अलेग्जेंडर पुश्किन — 314. विगत पर दृष्टिपात — जी.डी. मोपॉसा — 465. डाबर कुमारी — ऐमिल जोला — 536. इनसान और हैवान — बल्जक — 597. परदेसी — फ्रेंसिस स्टिग्मूलर — 748. चिपकू — जॉन कोलियर — 799. भाग्य-नक्षत्र फीबी — ओ. हेनरी — 8310. आ़िरी पा — ओ. हेनरी — 10111. भाईचारा — ओ. हेनरी — 10812. दुनिया और दरवाजा — ओ. हेनरी — 11313. पैंडुलम — ओ. हेनरी — 12714. कंदर्प और कुबेर — ओ. हेनरी — 13215. मुगां का उपहार — ओ. हेनरी — 13916. मुर्ग मुसल्लम — जमाल जदेह — 14517. कुँआरे की मृत्यु — ए. सिंजलर — 15718. अंतर्द्वंद्व — ई.ए. पो — 170
कहानी - Vishwaprasiddha Lokpriya Kahaniyan
Vishwaprasiddha Lokpriya Kahaniyan - by - Prabhat Prakashan
Vishwaprasiddha Lokpriya Kahaniyan - यों तो कथावाचन-प्रवणता भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है, परंतु यथार्थपरक पाश्चात्य कथाशिल्प का गहन प्रभाव आधुनिक भारतीय साहित्य पर पड़ा है। एक ओर जहाँ कथा सरित्सागर, पंचतंत्र और जातक-कथाओं की परंपरा धरोहर में मिली है, वहीं अरबी-फारसी किस्सागोई के भी हम मुरीद हुए हैं। अंग्रेजी, रूसी और कुछ अन्य यूरोपियन भाषाओं के समाजोन्मुख यथार्थवाद का अनुसरण भी भारतीय भाषाओं के कथा-साहित्य में हुआ है। दुनिया के जाने-माने कथाकारों (मास्टर्स) की विश्वविश्रुत कहानियों को चुनकर वरिष्ठ साहित्य-मर्मज्ञ श्री तिलक ने उन्हें सहज-सरल और आम बोलचाल की भाषा में इस संकलन में प्रस्तुत किया है। विश्व वाङ्मय के बारह श्रेष्ठ कथा-लेखकों की प्रतिनिधि रचनाओं के इस नायाब चयन में लियो टालस्टॉय, एंटन चेखव, पुश्किन, बाल्जक, मोपांसा, जॉन कोलियर और ओ.
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- Model: PP944
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP944
- ISBN: 9789386054531
- ISBN: 9789386054531
- Total Pages: 176
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2017
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00