कहानी - Ramdarash Mishra Ki Lokpriya Kahaniyan (Pb)
रामदरश मिश्र के कथा साहित्य के केंद्र में मनुष्य है, उसकी पीड़ा दुःख कथा है। मनुष्य की चिंता लगभग सभी कहानियों में देखी जा सकती है। यह मनुष्य गाँव का, नगर का अथवा महानगर का है। लेखक ने गाँव भी देखा है, नगर तथा महानगर भी। उसके जीवन के अनुभव व्यापक हैं। मनुष्य तथा उसके साथ जुड़े हुए सुख-दुःख लेखक को भीतर तक विचलित करते हैं। वह व्यक्ति की पीड़ा सिर्फ भावनात्मक स्तर पर ही अनुभव नहीं करता, बल्कि पीड़ा कैसे दूर की जा सकती है, इस पर भी विचार करता है। यही मानवीय चेतना श्री मिश्र को मनुष्य के साथ गहराई से जोड़ती है। वे समयगत सच्चाई से जूझते हैं। इसी कारण समय, परिवेश और उसका यथार्थ प्रामाणिकता तथा ईमानदारी के साथ उनकी कहानियों में उभरता है।—डॉ. गुरचरण सिंह
कहानी - Ramdarash Mishra Ki Lokpriya Kahaniyan (Pb)
Ramdarash Mishra Ki Lokpriya Kahaniyan (Pb) - by - Prabhat Prakashan
Ramdarash Mishra Ki Lokpriya Kahaniyan (Pb) - रामदरश मिश्र के कथा साहित्य के केंद्र में मनुष्य है, उसकी पीड़ा दुःख कथा है। मनुष्य की चिंता लगभग सभी कहानियों में देखी जा सकती है। यह मनुष्य गाँव का, नगर का अथवा महानगर का है। लेखक ने गाँव भी देखा है, नगर तथा महानगर भी। उसके जीवन के अनुभव व्यापक हैं। मनुष्य तथा उसके साथ जुड़े हुए सुख-दुःख लेखक को भीतर तक विचलित करते हैं। वह व्यक्ति की पीड़ा सिर्फ भावनात्मक स्तर पर ही अनुभव नहीं करता, बल्कि पीड़ा कैसे दूर की जा सकती है, इस पर भी विचार करता है। यही मानवीय चेतना श्री मिश्र को मनुष्य के साथ गहराई से जोड़ती है। वे समयगत सच्चाई से जूझते हैं। इसी कारण समय, परिवेश और उसका यथार्थ प्रामाणिकता तथा ईमानदारी के साथ उनकी कहानियों में उभरता है।—डॉ.
- Stock: 10
- Model: PP901
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP901
- ISBN: 9789351862956
- ISBN: 9789351862956
- Total Pages: 184
- Edition: Edition Ist
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Soft Cover
- Year: 2015
₹ 150.00
Ex Tax: ₹ 150.00