विवेकानंद साहित्य - Vivekanand Ka Shaikshik Darshan
शिक्षा ही वह उपादान है, जो मनुष्य के बौद्धिक स्तर को बढ़ाकर उसके जीवन को सुखद बनाता है। शिक्षा बिना मानव जीवन पंगु है। जिस मनुष्य के पास जैसी शिक्षा होगी, उसकी बुद्धि वैसी ही होगी। शिक्षा द्वारा मनुष्य अपना विकास तो करता ही है, साथ में समाज का विकास भी करता है।
विश्व-विख्यात आध्यात्मिक विभूति विवेकानंद ने अपने ओजस्वी विचारों और दूरदृष्टि से समाज में नई चेतना जाग्रत् की, उसे एक नई दिशा दी। आज की पहली आवश्यकता है कि स्वामी विवेकानंद के जीवन-दर्शन से हम शिक्षा प्राप्त करें। यह पुस्तक उसी उद्देश्य की पूर्ति करती है।
स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं को आगे रखकर हम भारत में शिक्षा की ऐसी लहर चलाएँ, जो शहर-शहर, गाँव-गाँव और घर-घर को महका दे; नए रूप में भारत को उसकी पुरानी गरिमा को दिलाने का प्रयास करें और एक बार फिर दुनिया भारत को जगद्गुरु के रूप में जाने।
शिक्षा से बुद्धि का, बुद्धि से मनुष्य का और मनुष्य से समाज का विकास होता है। इस क्रम में स्वामी विवेकानंद की शिक्षा से समृद्ध यह पुस्तक उपयेगी होने के साथ ही उनकी शिक्षा को सरल शब्दों में जन-जन तक पहुँचाती है।
विवेकानंद साहित्य - Vivekanand Ka Shaikshik Darshan
Vivekanand Ka Shaikshik Darshan - by - Prabhat Prakashan
Vivekanand Ka Shaikshik Darshan -
- Stock: 10
- Model: PP2471
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2471
- ISBN: 9788192850870
- ISBN: 9788192850870
- Total Pages: 152
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2017
₹ 300.00
Ex Tax: ₹ 300.00