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कहानी - Hitopadesh Ki Lokpriya Kahaniyan

कहानी - Hitopadesh Ki Lokpriya Kahaniyan
हितोपदेश की कहानियाँ भारतीय परिवेश को ध्यान में रखकर लिखी गई उपदेशात्मक कथाएँ हैं, जिसके रचनाकार नारायण पंडित हैं। हितोपदेश की कथाएँ अत्यंत सरल, रोचक, प्रेरक और सुग्राह्य हैं। विभिन्न पशु-पक्षियों पर आधारित तार्किक कहानियाँ इसकी खास विशेषता है, जिनकी समाप्ति किसी शिक्षाप्रद बात से होती है। इस पुस्तक में हितोपदेश की मूल लोकप्रिय कहानियों को स्थान दिया गया है। कहानियों को रोचक और पठनीय बनाने के लिए इनके मूल शीर्षक, क्रम, कथानक और विस्तार को यथोचित संपादित कर दिया गया है, लेकिन कथा की मूल भावना को जीवंत रखा गया है, जिससे पाठक पारंपरिक आस्वादन पाने से वंचित न हों। अपनी रचना के कई सौ साल बाद भी इन कथाओं की लोकप्रियता में जरा भी कमी नहीं आई है तो केवल इनमें निहित संदेश के कारण। इनका कथानक पाठकों को अपने आस-पास घटित हुआ जान पड़ता है। यही कारण है कि वे सहज ही इनसे अपने आप को जोड़ लेते हैं। यही इन कथाओं की सबसे बड़ी खूबी है, जिसके कारण ये सदाबहार बनी हुई हैं। मनोरंजन तथा नैतिक ज्ञान से भरपूर कहानियों की पठनीय पुस्तक।अनुक्रम   अपनी बात—5 32. सही कीमत—112 1. झाँसा—9 33. मन में झाँको—115 2. लोभ का फल—12 34. सेवाभति—119 3. परख—15 35. शुभचिंतक—120 4. घोड़ा गुलाम—30 36. यकीन—123 5. हार—33 37. परोपकार—125 6. अंतिम इच्छा—36 38. दोस्ती का फर्ज—127 7. संतोष—39 39. गलत संगत—131 8. धूर्त गीदड़ का अंत—42 40. स्वाधीन—134 9. दाल नहीं गली—47 41. दूध-पानी—136 10. दृष्टिकोण—50 42. मुसीबत में दोस्त—139 11. अलमंदी—53 43. तिरस्कार—142 12. सोच-विचार—55 44. मेढक से सीख—145 13. बुद्धिमानी—58 45. दो तोते—147 14. उपहार—60 46. अच्छा हुआ—150 15. जोखिम—62 47. दंड—153 16. बिल्ली का फैसला—65 48. चतुराई—156 17. लोभी का अंत बुरा—68 49. कुसंगत—159 18. दावत—71 50. एका—161 19. लोभ—74 51. चाल—163 20. भाग्योदय—77 52. तिल का ताड़—166 21. सच्चा आनंद—80 53. खाली हाथ—169 22. फूल और पा—83 54. गड़म—172 23. चमकीला पत्थर—86 55. लोभ बना काल—175 24. लँगड़ा पैर—89 56. उपाय—178 25. भीतर ज्ञान—93 57. जैसे को तैसा—181 26. जाके काम, उसे सुहावै—94 58. बुजुर्गों की सीख—184 27. क्रोध से नुकसान—97 59. गुफा बोली—187 28. ईर्ष्या का बोझ—100 60. शेर को सवा सेर—190 29. दो घड़ी धर्म की—103 61. दुष्टों से दूरी—193 30. आखिरी पत्थर—106 62. संगठन—195 31. देने की आदत—109 63. संगति का सुफल—198

कहानी - Hitopadesh Ki Lokpriya Kahaniyan

Hitopadesh Ki Lokpriya Kahaniyan - by - Prabhat Prakashan

Hitopadesh Ki Lokpriya Kahaniyan - हितोपदेश की कहानियाँ भारतीय परिवेश को ध्यान में रखकर लिखी गई उपदेशात्मक कथाएँ हैं, जिसके रचनाकार नारायण पंडित हैं। हितोपदेश की कथाएँ अत्यंत सरल, रोचक, प्रेरक और सुग्राह्य हैं। विभिन्न पशु-पक्षियों पर आधारित तार्किक कहानियाँ इसकी खास विशेषता है, जिनकी समाप्ति किसी शिक्षाप्रद बात से होती है। इस पुस्तक में हितोपदेश की मूल लोकप्रिय कहानियों को स्थान दिया गया है। कहानियों को रोचक और पठनीय बनाने के लिए इनके मूल शीर्षक, क्रम, कथानक और विस्तार को यथोचित संपादित कर दिया गया है, लेकिन कथा की मूल भावना को जीवंत रखा गया है, जिससे पाठक पारंपरिक आस्वादन पाने से वंचित न हों। अपनी रचना के कई सौ साल बाद भी इन कथाओं की लोकप्रियता में जरा भी कमी नहीं आई है तो केवल इनमें निहित संदेश के कारण। इनका कथानक पाठकों को अपने आस-पास घटित हुआ जान पड़ता है। यही कारण है कि वे सहज ही इनसे अपने आप को जोड़ लेते हैं। यही इन कथाओं की सबसे बड़ी खूबी है, जिसके कारण ये सदाबहार बनी हुई हैं। मनोरंजन तथा नैतिक ज्ञान से भरपूर कहानियों की पठनीय पुस्तक।अनुक्रम   अपनी बात—5 32.

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  • Stock: 10
  • Model: PP854
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP854
  • ISBN: 9789384343675
  • ISBN: 9789384343675
  • Total Pages: 200
  • Edition: Edition 1
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2020
₹ 400.00
Ex Tax: ₹ 400.00