कहानी - Ab Pachhtaye Hot Kya, Jab Chidiya Chug Gayin Khet
मैंने अपने कहानी-संग्रह में रोजाना के जीवन की लगभग हर समस्या को छूने का प्रयास किया है। यह कहानी-संग्रह साधारण शब्दों में लिखा गया है व इसकी हर घटना की कथावस्तु बहुत ही रोचक है। मैंने बाहर रहने वाले उन बच्चों के बारे में लिखा है, जो पढ़ाई के चक्कर में अपने माँ-बाप को छोड़कर विदेशों में चले जाते हैं। माँ-बाप उनकी हर समय, हर त्योहार पर प्रतीक्षा करते हैं, पर वे काम के कारण नहीं आ पाते। यही तो भाग्य की विडंबना है। मेरे दोनों बच्चे गौरव व पारुल ऑस्ट्रेलिया व अमेरिका में हैं। होली, दीवाली पर नहीं आ पाते। मैं अपने आप को बहुत खुशकिस्मत समझती हूँ कि मेरे पति मुझे हर समय दिलासा देते हैं। वे कहते हैं कि मैं मोह-माया छोड़कर ‘सत्संग’ व ‘कहानी लेखन’ को अपने जीने का सहारा बनाऊँ।अनुक्रमदो शद—71. अब पछताए होत या, जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत—112. परिवर्तन सदा हितकारी—273. यह जीवन है—344. पचासवीं सालगिरह—435. प्यारी ताईजी—466. विनय की पुकार—497. जीवन की परिभाषा—528. किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता—559. भागवद्-कथा—5810. हम एक हैं—6111. यादों की बरात—6412. आसमान से जमीन पर—6713. गीता का भाग्य—7114. जीवन के पथ पर—7515. आशा और निराशा—78
कहानी - Ab Pachhtaye Hot Kya, Jab Chidiya Chug Gayin Khet
Ab Pachhtaye Hot Kya, Jab Chidiya Chug Gayin Khet - by - Prabhat Prakashan
Ab Pachhtaye Hot Kya, Jab Chidiya Chug Gayin Khet - मैंने अपने कहानी-संग्रह में रोजाना के जीवन की लगभग हर समस्या को छूने का प्रयास किया है। यह कहानी-संग्रह साधारण शब्दों में लिखा गया है व इसकी हर घटना की कथावस्तु बहुत ही रोचक है। मैंने बाहर रहने वाले उन बच्चों के बारे में लिखा है, जो पढ़ाई के चक्कर में अपने माँ-बाप को छोड़कर विदेशों में चले जाते हैं। माँ-बाप उनकी हर समय, हर त्योहार पर प्रतीक्षा करते हैं, पर वे काम के कारण नहीं आ पाते। यही तो भाग्य की विडंबना है। मेरे दोनों बच्चे गौरव व पारुल ऑस्ट्रेलिया व अमेरिका में हैं। होली, दीवाली पर नहीं आ पाते। मैं अपने आप को बहुत खुशकिस्मत समझती हूँ कि मेरे पति मुझे हर समय दिलासा देते हैं। वे कहते हैं कि मैं मोह-माया छोड़कर ‘सत्संग’ व ‘कहानी लेखन’ को अपने जीने का सहारा बनाऊँ।अनुक्रमदो शद—71.
- Stock: 10
- Model: PP804
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP804
- ISBN: 9789386936073
- ISBN: 9789386936073
- Total Pages: 80
- Edition: Edition Ist
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2018
₹ 150.00
Ex Tax: ₹ 150.00