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Nature - Charaksanhita Ke Jiva-Jantu

Nature - Charaksanhita Ke Jiva-Jantu
चरकसंहिता’ व्यापक रूप से पढ़ा-पढ़ाया जानेवाला आयुर्वेद का प्रतिष्ठित ग्रन्थ है। महर्षि चरक ने इसमें अनेक प्रकार के मानव उपयोगी जीव-जन्तुओं का उल्लेख किया है।वनों, वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं के अन्वेषक, प्राणि-विशेषज्ञ रामेश बेदी ने अपनी दीर्घकालीन अनुभव के आधार पर उनकी प्रकृति और जातियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें इन वर्गों में श्रेणीबद्ध किया है : स्तनपायी की 44 जातियाँ; पक्षियों की 42 जातियाँ; सरीसृपों की 12 जातियाँ; क्षुद्र जीवों की 12 जातियाँ; कुल 110 जातियाँ।इन जीव-जन्तुओं के सम्बन्ध में दिए गए 46 रंगीन फ़ोटो तथा 128 सादे चित्र इनके स्वरूप को भली-भाँति समझने में सहायक होंगे।‘चरकसंहिता’ के जीव-जन्तुओं के स्वरूप, रहन-सहन, आहार-विहार, पारिवारिक जीवन, प्रजनन, सन्तान का पालन-पोषण, इनसान के साथ उनका स्नेहिल व्यवहार, इनसान के लिए उनकी उपादेयता का लेखक ने विस्तार से परिचय दिया है। लेखक के अनुभव रोचक हैं। भाषा सरल, प्रवाहमयी और आकर्षक है।हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं साहित्यिक कृति सम्मान (2000-2001) प्राप्त।

Nature - Charaksanhita Ke Jiva-Jantu

Charaksanhita Ke Jiva-Jantu - by - Rajkamal Prakashan

Charaksanhita Ke Jiva-Jantu -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP1041
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP1041
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 234p
  • Edition: 2014, Ed. 3rd
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 2002
₹ 950.00
Ex Tax: ₹ 950.00