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Nature - Adamkhoron Ke Beech

Nature - Adamkhoron Ke Beech
भारत में हर साल बड़ी संख्या में निर्दोष लोग आदमख़ोर शेरों और तेन्‍दुओं के शिकार होते हैं। इन मांसाहारी पशुओं का स्वाभाविक आहार वन्य प्राणी हैं तो फिर ये इन्सानों को क्यों खाने लगते हैं? क्या इन बेगुनाह लोगों के जीवन की रक्षा की जा सकती है? इस पुस्‍तक में आदमख़ोरों के बीच लोमहर्षक शिकार-कथाओं के साथ-साथ इन प्रश्नों के जवाब देने की कोशिश भी की गई है।प्राणिजगत के विशेषज्ञ लेखक स्वयं प्रभावित इलाक़ों में रहे हैं तथा इस विषय का बारीकी से अध्ययन किया है। देश के बँटवारे के बाद अधिकांश जगहों पर जंगलों का सफ़ाया कर दिया गया। अब वहाँ जिधर नज़र दौड़ाएँ बस गन्ने के खेत नज़र आते हैं जिनमें आदमख़ोरों ने डेरा डाला हुआ है। ये खेत इनके क़िले बने हुए हैं। एक चालाक आदमख़ोर शेरनी का शिकार करने की मुहिम के सिलसिले में लेखक को इन्हीं खेतों के बीच फूस के छप्पर के नीचे मौत के साए में सोना पड़ा।लेखक ने उन लोगों की करुण दास्तान सुनी जिनके प्रियजन आदमख़ोरों का शिकार बन चुके थे। उन्हें ऐसे साहसी लोग भी मिले जो मौत के मुँह से बच निकले थे।शेर-तेन्‍दुए के हमलों का कारण कुछ हद तक स्वयं मनुष्य भी है। लेखक का मानना है कि लोगों को वन, वन्य प्राणियों, ख़ासकर शेर, तेंदुए तथा अन्य हिंसक जानवरों की आदतों, उनके रहन-सहन और उनकी जीवन-पद्धति के बारे में सही जानकारी देने से ये ख़तरे टल सकते हैं, और जिन्दगी के खाते में दर्ज की जानेवाली मृत्यु-संख्याएँ कम हो सकती हैं।

Nature - Adamkhoron Ke Beech

Adamkhoron Ke Beech - by - Rajkamal Prakashan

Adamkhoron Ke Beech - भारत में हर साल बड़ी संख्या में निर्दोष लोग आदमख़ोर शेरों और तेन्‍दुओं के शिकार होते हैं। इन मांसाहारी पशुओं का स्वाभाविक आहार वन्य प्राणी हैं तो फिर ये इन्सानों को क्यों खाने लगते हैं?

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  • Stock: 10
  • Model: RKP1501
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP1501
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 243p
  • Edition: 2021, Ed. 2nd
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 2001
₹ 695.00
Ex Tax: ₹ 695.00