Literary Criticism - Geet Gunj
महाप्राण निराला के काव्य में गीतों का विशेष स्थान है। इस नाते ‘गीत-गुंज’ उनका एक प्रतिनिधि गीत-संग्रह है। इस संग्रह में अनेक ऐसे गीत हैं, जिन्हें निराला अकसर गुनगुनाते थे। वर्ण्य विषय की दृष्टि से ज़्यादातर गीत प्रकृतिपरक हैं, जिनमें प्रकृति के मात्र मोहक बिम्ब ही नहीं, उसका यथार्थ स्वरूप मुखरित हुआ है। स्पष्टत: इन गीतों के माध्यम से निराला एक नई चेतना प्रदान करना चाहते हैं। गीतों के अलावा मुक्त छन्द में लिखी गई कुछ कविताएँ और स्वामी विवेकानंद की दो कविताओं का अनुवाद भी इस संग्रह में शामिल है।
Literary Criticism - Geet Gunj
Geet Gunj - by - Rajkamal Prakashan
Geet Gunj -
- Stock: 10
- Model: RKP1605
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP1605
- ISBN: 0
- Total Pages: 96p
- Edition: 2019
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back
- Year: 2019
₹ 200.00
Ex Tax: ₹ 200.00