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Poetry - Anamika

Poetry - Anamika
छायावाद के प्रवर्तकों में सूर्यकान्‍त त्रिपाठी ‘निराला’ का नाम प्रमुख है। ‘मैं’ शैली अपना कर निराला ने हिन्दी कविता को नई दिशा प्रदान की और छन्दों के बन्धन से मुक्त कर उन्होंने हिन्दी कविता के लिए नई ज़मीन तैयार की। ‘अनामिका’ में संकलित कविताएँ इस बात का प्रमाण हैं। ‘अनामिका’ नाम से निराला की कविताओं का संग्रह दो बार प्रकाशित हुआ। पहली बार ‘मतवाला’ के सम्पादक बाबू महादेव प्रसाद ने निराला की चौबीस कविताओं का संग्रह ‘अनामिका’ नाम से प्रकाशित किया था। इसमें निराला की प्रारम्भिक कविताएँ संकलित थीं। 1937 में पुन: ‘अनामिका’ नाम से ही निराला की कविताओं का संग्रह प्रकाशित हुआ। इसे निराला की श्रेष्ठ कविताओं का संग्रह माना जाता है। ‘अनामिका’ को छायावाद का ‘गौरव-ग्रन्थ’ होने का श्रेय प्राप्त है।

Poetry - Anamika

Anamika - by - Rajkamal Prakashan

Anamika -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP1059
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP1059
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 140p
  • Edition: 2021, Ed. 10th
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 1992
₹ 450.00
Ex Tax: ₹ 450.00