Literary Criticism - Hindi Ke Vikas Mein Apbhransh Ka Yog
प्रस्तुत पुस्तक का संशोधित एवं परिवर्धित संस्करण पाठकों के समक्ष नई साज-सज्जा के साथ प्रस्तुत है जिसमें परवर्ती अपभ्रंश और आरम्भिक हिन्दी सम्बन्धी नवीन सामग्री, अपभ्रंश और हिन्दी वाक्य-विन्यास का तुलनात्मक विवेचन, अपभ्रंश के कुछ विशिष्ट तद्भव तथा देशी शब्द और उनके हिन्दी रूपों की सूची, अपभ्रंश के प्रायः सभी सूचित और ज्ञात ग्रन्थों की सूची, अपभ्रंश के मुख्य कवियों, काव्यों और काव्य-प्रवृत्तियों की विस्तृत समीक्षा, अपभ्रंश और हिन्दी साहित्य के ऐतिहासिक सम्बन्ध पर विशेष विचारों का समावेश किया गया है। आशा है, पुस्तक विद्यार्थियों, शोधार्थियों तथा पाठकों का मार्गदर्शन करने में सहायक सिद्ध होगी।
Literary Criticism - Hindi Ke Vikas Mein Apbhransh Ka Yog
Hindi Ke Vikas Mein Apbhransh Ka Yog - by - Lokbharti Prakashan
Hindi Ke Vikas Mein Apbhransh Ka Yog -
- Stock: 10
- Model: RKP3447
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP3447
- ISBN: 0
- Total Pages: 292p
- Edition: 2019, Ed. 2nd
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back
- Year: 1952
₹ 450.00
Ex Tax: ₹ 450.00