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Drama Studies Books - Jadoo Ka Kaleen

Drama Studies Books - Jadoo Ka Kaleen
राजनीतिक, प्रशासनिक भ्रष्टाचार के पूरे तंत्र को खोलनेवाला, बच्चों की चीख़-सा दर्दनाक नाटक ‘जादू का कालीन’ ‘ऐसा एक पेच है’ जहाँ सब मिलकर हमारी निर्ममता को बेनक़ाब करते हैं। इसमें पात्र बच्चे हैं पर नाटक वयस्कों के लिए है क्योंकि वही हैं जिन्हें इस निर्ममता का प्रतिकार करना है।सारी विसंगति मानवीय विडम्बना, पाखंड के बीच मृदुला गर्ग ने फैंटेसी की लय को पकड़ा है। यह उनकी नाट्यकला का नमूना है कि वे निर्ममताओं के बीच बच्चों की उड़नछू प्रवृत्ति को नहीं भूलतीं। जिस कालीन को बुनना उनके शोषण का माध्यम है, बच्चे उसी को जादू का कालीन बतलाकर कहते हैं कि वे उस पर बैठकर उड़नछू हो जाएँगे। एक...दो...तीन उठमउठू : तीन...दो...एक भरनभरू : एक दो तीन...उड़नछू! यह गीत मुक्ति का मन्तर बन जाता है, जो पूरे नाटक में आशा के स्वर की तरह गूँजता है। नाटक में मृदुला जी ने लोक का कथात्मक स्वर भी बख़ूबी जोड़ा है। इस नाटक को 1993 में मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् का ‘सेठ गोविन्द दास पुरस्कार’ मिल चूका है।

Drama Studies Books - Jadoo Ka Kaleen

Jadoo Ka Kaleen - by - Rajkamal Prakashan

Jadoo Ka Kaleen - राजनीतिक, प्रशासनिक भ्रष्टाचार के पूरे तंत्र को खोलनेवाला, बच्चों की चीख़-सा दर्दनाक नाटक ‘जादू का कालीन’ ‘ऐसा एक पेच है’ जहाँ सब मिलकर हमारी निर्ममता को बेनक़ाब करते हैं। इसमें पात्र बच्चे हैं पर नाटक वयस्कों के लिए है क्योंकि वही हैं जिन्हें इस निर्ममता का प्रतिकार करना है।सारी विसंगति मानवीय विडम्बना, पाखंड के बीच मृदुला गर्ग ने फैंटेसी की लय को पकड़ा है। यह उनकी नाट्यकला का नमूना है कि वे निर्ममताओं के बीच बच्चों की उड़नछू प्रवृत्ति को नहीं भूलतीं। जिस कालीन को बुनना उनके शोषण का माध्यम है, बच्चे उसी को जादू का कालीन बतलाकर कहते हैं कि वे उस पर बैठकर उड़नछू हो जाएँगे। एक.

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  • Stock: 10
  • Model: RKP1810
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP1810
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 87p
  • Edition: 2015, Ed. 3rd
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 1993
₹ 95.00
Ex Tax: ₹ 95.00