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Drama Studies Books - Chor Nikal Ke Bhaga

Drama Studies Books - Chor Nikal Ke Bhaga
समकालीन हिन्दी कथा-साहित्य, नाटक और पत्रकारिता को अपनी रचनात्मक उपस्थिति से समृद्ध करनेवाली रचनाकार मृणाल पाण्डे की यह नवीनतम नाट्‌यकृति है। हिन्दी रंगमंच पर भी यह नाटक पिछले दिनों विशेष चर्चित रहा है।हास्य-व्यंग्य से भरपूर अपने चुटीले भाषा-शिल्प और लोकनाट्‌य की अनेक दृश्य-छवियों को उजागर करता हुआ यह नाटक वस्तुत: हमारी कला-संस्कृति के बाज़ारीकरण से जुड़े सवालों को उठाता है। कला, सौन्दर्य, प्रेम और परम्परा जैसे तमाम मूल्यों का सौदा हो रहा है, और इस सौदे में राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कितने ही सफ़ेदपोश शामिल हैं।नाटक की उक्त अन्तर्वस्तु को उद्‌घाटित करने के लिए लेखिका ने प्रेम और सौन्दर्य के प्रतीक ताजमहल की चोरी की कल्पना की है। वास्तव में यह एक फंतासी भी है, जिसके सहारे लेखिका उन मानव-मूल्यों पर मँडराते ख़तरों को रेखांकित करती है, जिनकी सफलता मनुष्य जाति की तमाम कलात्मक उपलब्धियों को निरर्थक कर देगी। साथ ही वह कलाओं के उस जनतंत्र को भी लक्षित करती है, जिसे लेकर सत्ता-स्वायत्ता जैसी बहसें अक्सर होती रहती हैं। कहना न होगा कि मृणाल पाण्डे की यह नाट्‌य-रचना अपने हास्यावरण में गम्भीर अर्थों तक जाने की क्षमता लिए हुए है।

Drama Studies Books - Chor Nikal Ke Bhaga

Chor Nikal Ke Bhaga - by - Radhakrishna Prakashan

Chor Nikal Ke Bhaga -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP2631
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP2631
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 61p
  • Edition: 1995, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 1995
₹ 200.00
Ex Tax: ₹ 200.00
Tags: chor , nikal , ke , bhaga , drama , studies , books , hindi , gagan , notebook