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Literary - Sona Aur Khoon - 2 - Hardbound

Literary - Sona Aur Khoon - 2 - Hardbound
‘‘सोने का रंग पीला होता है और खून का रंग सुर्ख। पर तासीर दोनों की एक है। खून मनुष्य की रगों में बहता है, और सोना उसके ऊपर लदा हुआ है। खून मनुष्य को जीवन देता है, जबकि सोना उसके जीवन पर खतरा लाता है। पर आज के मनुष्य का खून पर उतना मोह नहीं है, जितना सोने पर है। वह एक-एक रत्ती सोने के लिए अपने शरीर की एक-एक बूँद खून बहाने को आमादा है। जीवन को सजाने के लिए वह सोना चाहता है, और उसके लिए खून बहाकर वह जीवन को खतरे में डालता है। आज के सभ्य संसार का यह सबसे बड़ा कारोबार है।’’ सोना और खून आचार्य चतुरसेन का चार भागों में लिखा उत्कृष्ट उपन्यास है जिसकी उल्लेखनीय विशेषता यह है कि इसका हर भाग अपने में सम्पूर्ण है। लेखक का लक्ष्य इस उपन्यास को दस भागों में पूरा करने का था, लेकिन अपने जीवनकाल मं् वे मात्र चार भाग ही लिख पाये। 1957 में प्रकाशित यह उपन्यास जितना उस समय लोकप्रिय था, उतना ही आज भी है।

Literary - Sona Aur Khoon - 2 - Hardbound

Sona Aur Khoon - 2 - Hardbound - by - Rajpal And Sons

Sona Aur Khoon - 2 - Hardbound -

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  • Stock: 10
  • Model: RAJPAL235
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RAJPAL235
  • ISBN: 9789386534248
  • ISBN: 9789386534248
  • Total Pages: 304
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hardbound
  • Year: 2017
₹ 335.00
Ex Tax: ₹ 335.00
Tags: sona , aur , khoon , - , 2 , - , hardbound , literary , fiction , gagan , notebook