Literary - Main Bheeshm Bol Raha Hoon - Paperback
महाभारत में सबसे विशिष्ट चरित्र भीष्म पितामह का है। अपने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए उन्होंने आजन्म ब्रह्मचारी रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की और साथ ही राजसिंहासन पर अपने अधिकार को भी तिलांजलि दी। दुर्योधन के विचारों, नीतियों और दुष्कर्मों के घोर विरुद्ध रहते हुए भी कौरवों के पक्ष की सेवा करने की विवशता को स्वीकार किया। राजदरबार में द्रौपदी चीरहरण के समय क्रोध और लज्जा से दाँत पीसकर रह गए। परंतु खुलकर विरोध करने में विवश रहे। महाभारत युद्ध में भी कौरव सेना का सेनापतित्व करना पड़ा। जबकि मन से पाण्डवों के पक्षधर थे। उनका हृदय पाण्डवों के साथ था, शरीर कौरवों की सेवा में। अनेक अन्तर्विरोधों से भरे भीष्म पितामह के चरित्र को बहुत ही पैनी दृष्टि से परखते हुए रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है इसके लेखक भगवतीशरण मिश्र ने।
Literary - Main Bheeshm Bol Raha Hoon - Paperback
Main Bheeshm Bol Raha Hoon - Paperback - by - Rajpal And Sons
Main Bheeshm Bol Raha Hoon - Paperback -
- Stock: 10
- Model: RAJPAL520
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL520
- ISBN: 9789350641613
- ISBN: 9789350641613
- Total Pages: 220
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2018
₹ 295.00
Ex Tax: ₹ 295.00