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Raza Pustak Mala - Hone Ka Dukh : Khand Do

Raza Pustak Mala - Hone Ka Dukh : Khand Do
हमारी परम्परा में यह माना गया है कि गद्य कवियों का निकष होता है। यह निरा संयोग नहीं है कि प्राय: सभी भारतीय भाषाओं में महत्त्वपूर्ण कवियों ने अच्छा, सरस और रोशनी देनेवाला गद्य लिखा है। हम इस पुस्तक माला में ऐसा कवि-गद्य प्रस्तुत करने के लिए सचेष्ट हैं। शंख घोष न सिर्फ़ इस समय बाङ्ला के सबसे बड़े कवि हैं, वे भारतीय कवि-समाज में भी मूर्धन्य हैं। उनका गद्य हम दो खंडों में प्रस्तुत कर रहे हैं। यह दूसरा संचयन है। हम मानते हैं कि इसे हिन्दी में लाकर हम हिन्दी के सर्जनात्मक-बौद्धिक भूगोल में कुछ विस्तार कर रहे हैं। स्वयं हिन्दी की आलोचना-भाषा में इससे कुछ उद्वेलन सम्भव है। यह उनकी सूक्ष्म जीवन और काव्य-दृष्टि का साक्ष्य है : कई विषयों पर नए ताज़े ढंग से सोचने के लिए हमें प्रेरित भी करता है। उनके यहाँ बारहा ऐसे अनुभवों को गद्य में रूपायित करने की चेष्टा है जो अक्सर गद्य के अहाते से बाहर रहे आए हैं।—अशोक वाजपेयी

Raza Pustak Mala - Hone Ka Dukh : Khand Do

Hone Ka Dukh : Khand Do - by - Rajkamal Prakashan

Hone Ka Dukh : Khand Do -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP2170
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP2170
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 261p
  • Edition: 2018, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 2018
₹ 699.00
Ex Tax: ₹ 699.00
Tags: hone , ka , dukh , : , khand , do , raza , pustak , mala , hindi , gagan , notebook