Literary - Kankaal - Paperback
जयशंकर प्रसाद बहुआयामी रचनाकार थे। जिनकी लेखन और रंगमंच दोनों पर अच्छी पकड़ थी। कवि, नाटककार, कहानीकार होने के साथ-साथ वह उच्चकोटि के उपन्यासकार भी थे। जयशंकर प्रसाद ने तीन उपन्यास लिखे, तितली, कंकाल और इरावती। अंतिम उपन्यास इरावती उनके निधन के कारण अधूरा रह गया। कंकाल में लेखक ने हिन्दू धर्म के ठेकेदारों की सच्चाई को उद्घाटित किया है। सत्य और मोक्ष की खोज में लगे धर्म के अनुयायी कैसे अपनी वासना में खुद फँस जाते हैं और औरों को इसका शिकार बनाते हैं। धार्मिक स्थानों के बंद दरवाज़ों के पीछे काम और वासना का यह खेल कैसे लोगों को, विशेषकर मासूम और निर्दोष लड़कियों की जि़ंदगी को तबाह कर देता है, इन सबका बहुत ही मार्मिक ताना-बाना बुना गया है इस उपन्यास में।
Literary - Kankaal - Paperback
Kankaal - Paperback - by - Rajpal And Sons
Kankaal - Paperback -
- Stock: 10
- Model: RAJPAL691
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL691
- ISBN: 9789350643020
- ISBN: 9789350643020
- Total Pages: 176
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2018
₹ 175.00
Ex Tax: ₹ 175.00