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कहानी - Jaishankar Prasad Ki Lokpriya Kahaniyan

कहानी - Jaishankar Prasad Ki Lokpriya Kahaniyan
महान् कथाकार और हिंदी साहित्य जगत् में कहानी को एक संपूर्ण विधा के रूप में स्थापित करनेवाले श्री जयशंकर प्रसाद का योगदान अविस्मरणीय है। कहानी के क्षेत्र में प्रसादजी के पाँच कथा-संग्रह प्रकाशित हुए-‘छाया’, ‘प्रतिध्वनि’, ‘आकाशदीप’, ‘आँधी’ तथा ‘इंद्रजाल’। इन पाँचों कहानी संग्रहों में प्रसादजी की कुल 70 कहानियाँ प्रकाशित हईं। इन कहानियों में मानव-जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रदर्शित किया गया है। करुणा, वात्सल्य के अतिरिक्‍त पारिवारिक संबंधों की गहराई तक पहुँचने का प्रयास प्रसादजी ने अपनी कहानियों में बखूबी किया है। शौर्य और वीरता की भी झलक उनकी कहानियों में स्पष्‍ट दिखाई पड़ती है। काव्य, नाटक, कथा-साहित्य, आलोचना, दर्शन, इतिहास सभी क्षेत्रों में उनकी प्रतिभा अद्वितीय रही। ‘कामायनी’ जैसे महाकाव्य; ‘चंद्रगुप्‍त’, ‘स्कंदगुप्‍त’, ‘अजातशत्रु’ जैसे नाटक; ‘कंकाल’, ‘‌त‌ितली’ जैसे उपन्यास तथा अनेक विशिष्‍ट कहानियाँ उनकी रचनात्मक दृष्‍टि को सार्थक करती हैं। प्रस्तुत संग्रह में जयशंकर प्रसाद की चुनी हुई प्रसिद्ध कहानियाँ प्रस्तुत की गई हैं, ताकि ऐसे महान् साहित्यकार की रचनाएँ पाठकों के बीच अधिक-से-अधिक पहुँचें और वे इनका भरपूर लाभ उठाएँ।

कहानी - Jaishankar Prasad Ki Lokpriya Kahaniyan

Jaishankar Prasad Ki Lokpriya Kahaniyan - by - Prabhat Prakashan

Jaishankar Prasad Ki Lokpriya Kahaniyan -

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  • Stock: 10
  • Model: PP828
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP828
  • ISBN: 9789380823379
  • ISBN: 9789380823379
  • Total Pages: 160
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2020
₹ 400.00
Ex Tax: ₹ 400.00