Menu
Your Cart

Literary - Kab Tak Pukaroon - Paperback

Literary - Kab Tak Pukaroon - Paperback
रांगेय राघव हिन्दी के उन प्रतिभाशाली लेखकों में से हैं जिन्होंने साहित्य के विविध अंगों की समृद्धि के लिए अपनी कुशल लेखनी से अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों का सृजन किया। उनकी कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास, आलोचना तथा इतिहास आदि विषयक अनेक उपादेय कृतियां इस कथन की साक्षी हैं। मूलतः दाक्षिणात्य होते हुए भी उन्होंने जिस जागरूक प्रतिभा, योग्यता तथा कुशलता से हिन्दी साहित्य के श्री-वर्द्धन में अपना अविस्मरणीय योगदान दिया, वह इतिहास के पन्नों में दर्ज है। ‘कब तक पुकारूं’ उनकी प्रतिभा और लेखन-क्षमता को अभिषिक्त करने वाली जीवंत औपन्यासिक रचना है। इसमें उन्होंने समाज के सर्वथा उपेक्षित उस वर्ग का चित्रण अत्यन्त सरल और रोचक शैली में प्रस्तुत किया है जिसे सभ्य समाज ‘नट’ या ‘करनट’ कहकर पुकारता है। ‘कब तक पुकारूं’ की गणना हिन्दी के कालजयी साहित्य में की जाती है।

Literary - Kab Tak Pukaroon - Paperback

Kab Tak Pukaroon - Paperback - by - Rajpal And Sons

Kab Tak Pukaroon - Paperback -

Write a review

Please login or register to review
  • Stock: 10
  • Model: RAJPAL750
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RAJPAL750
  • ISBN: 9789350640357
  • ISBN: 9789350640357
  • Total Pages: 440
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Paperback
  • Year: 2017
₹ 435.00
Ex Tax: ₹ 435.00