Literary - Bhookh - Paperback
‘‘हिन्दुस्तान पर महायुद्ध की परछाईं पड़ने लगी। हर शख्स के दिल से ब्रिटिश सरकार का विश्वास उठ गया। यथाशक्ति लोगों ने चावल जमा करना शुरू किया। रईसों ने बरसों के लिए खाने का इन्तज़ाम कर लिया। मध्यवर्गीय नौकरीपेशा गृहस्थों ने अपनी शक्ति के अनुसार दो-तीन महीने से लेकर छः महीने तक की खुराक जमा कर ली। खेतिहर मज़दूर भीख माँगने पर मजबूर हुआ। भूख ने मेहनत-मज़दूरी करनेवाले ईमानदार इन्सानों को खूँखार लुटेरा बना दिया। भूख ने सतियों को वेश्या बनने पर मजबूर किया। मौत का डर बढ़ने लगा। और एक दिन चिर आशंकित, चिर प्रत्याशित मृत्यु, भूख को दूर करने के समस्त साधनों के रहते हुए भी, भूखे मानव को अपना आहार बनाने लगी...’’-इस पुस्तक में से। अमृतलाल नागर उन्नीसवीं सदी के हिन्दी साहित्य के महत्त्वपूर्ण लेखक थे, जिन्हें अक्सर प्रेमचंद का साहित्यिक वारिस माना जाता है। उनके लेखन की विशेषता थी यादगार चरित्रों का सृजन, जो पुस्तक पढ़ने के बाद भी देर तक पाठक के दिलो-दिमाग पर अपना प्रभाव छोड़ते थे। बहुआयामी प्रतिभा वाले नागर जी ने 74 वर्ष के जीवन काल में सभी विधाओं पर लिखा जिसमें कहानी, उपन्यास, नाटक, निबन्ध, संस्मरण और बच्चों के लिए कई रोचक पुस्तकें हैं। 1967 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और 1981 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। उनके उपन्यास मानस का हंस, नाच्यौ बहुत गोपाल और खंजन नयन हिन्दी साहित्य में मील के पत्थर साबित हुए।
Literary - Bhookh - Paperback
Bhookh - Paperback - by - Rajpal And Sons
Bhookh - Paperback - ‘‘हिन्दुस्तान पर महायुद्ध की परछाईं पड़ने लगी। हर शख्स के दिल से ब्रिटिश सरकार का विश्वास उठ गया। यथाशक्ति लोगों ने चावल जमा करना शुरू किया। रईसों ने बरसों के लिए खाने का इन्तज़ाम कर लिया। मध्यवर्गीय नौकरीपेशा गृहस्थों ने अपनी शक्ति के अनुसार दो-तीन महीने से लेकर छः महीने तक की खुराक जमा कर ली। खेतिहर मज़दूर भीख माँगने पर मजबूर हुआ। भूख ने मेहनत-मज़दूरी करनेवाले ईमानदार इन्सानों को खूँखार लुटेरा बना दिया। भूख ने सतियों को वेश्या बनने पर मजबूर किया। मौत का डर बढ़ने लगा। और एक दिन चिर आशंकित, चिर प्रत्याशित मृत्यु, भूख को दूर करने के समस्त साधनों के रहते हुए भी, भूखे मानव को अपना आहार बनाने लगी.
- Stock: 10
- Model: RAJPAL552
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL552
- ISBN: 9789350643754
- ISBN: 9789350643754
- Total Pages: 176
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2016
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00