General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Ghalib - Paperback
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर-जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। ग़ालिब उर्दू के सबसे मशहूर शायर हैं। वे बहादुरशाह जफ़र के ज़माने में हुए और 1857 का ग़दर उन्होंने देखा। अव्यवस्था और निराशा के उस ज़माने में वे अपना हृदयग्राही व्यक्तित्व, मानव-प्रेम, सीधा स्पष्ट यथार्थ और इन सबसे अधिक, दार्शनिक दृष्टि लेकर साहित्य में आये। शुरू में तो लोगों ने उनकी मौलिकता की हँसी उड़ाई लेकिन बाद में उसे इतनी तेज़ी से बढ़ावा मिला कि शायरी की दुनिया का नज़ारा ही बदल गया।
General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Ghalib - Paperback
Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Ghalib - Paperback - by - Rajpal And Sons
Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Ghalib - Paperback -
- Stock: 10
- Model: RAJPAL635
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL635
- ISBN: 9789350642436
- ISBN: 9789350642436
- Total Pages: 96
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2018
₹ 150.00
Ex Tax: ₹ 150.00