Menu
Your Cart

General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Josh Malihabadi - Paperback

General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Josh Malihabadi - Paperback
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर - जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। प्रसिद्ध उर्दू शायर ‘जोश’ मलीहाबादी को उनकी बग़ावत पसंद नज़्मों के कारण अंग्रेज़ों के ज़माने में ‘शायरे इन्क़लाब’ की उपाधि दी गयी थी और लोग उन्हें पढ़ते हुए जेल भेजे जाते थे। उनमें अभिव्यक्ति की अद्भुत शक्ति थी। वे अल्फ़ाज़ में आग भर सकते थे और दिलों में आग लगा सकते थे। बाद में पाकिस्तान चले जाने के कारण उनका विरोध भी हुआ लेकिन उनकी रचनाएं कभी नहीं भुलाई जा सकेंगी।

General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Josh Malihabadi - Paperback

Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Josh Malihabadi - Paperback - by - Rajpal And Sons

Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Josh Malihabadi - Paperback -

Write a review

Please login or register to review
  • Stock: 10
  • Model: RAJPAL638
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RAJPAL638
  • ISBN: 9788170283423
  • ISBN: 9788170283423
  • Total Pages: 128
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Paperback
  • Year: 2017
₹ 125.00
Ex Tax: ₹ 125.00