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युद्ध : रक्षा विज्ञान - Dwiteeya Vishwa Yuddha

युद्ध : रक्षा विज्ञान - Dwiteeya Vishwa Yuddha
द्वितीय विश्‍वयुद्ध सन् 1939 से 1945 तक चलने वाला विश्‍व-स्तरीय युद्ध था। लगभग 70 देशों की थल, जल, वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं और विश्‍व दो भागों में बँटा हुआ था—मित्र राष्‍ट्र और धरी राष्‍ट्र। इस युद्ध में विभिन्न राष्‍ट्रों के लगभग 10 करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया। यह मानव इतिहास का सबसे घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में 5 से 7 करोड़ लोग मारे गए। द्वितीय विश्‍व युद्ध की शुरुआत 1 सितंबर, 1939 को हुई मानी जाती है, जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्‍ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। सन् 1944 और 1945 के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्‍च‌िमी प्रशांत के कई द्वीपों में अपना कब्जा बना लिया। अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिराए—हिरोशिमा और नागासाकी की मर्मांतक घटना को विश्‍व शायद ही कभी भूल पाए। इसके साथ ही 15 अगस्त, 1945 को एशिया में भी द्वितीय विश्‍वयुद्ध समाप्‍त हो गया। युद्धों से कभी किसी का भला नहीं हुआ। ये तो विनाश-सर्वनाश के कारण हैं। किसी भी सभ्य समाज में युद्धों का कोई स्थान नहीं है; और इन्हें किसी भी कीमत पर रोका जाना चाहिए। इस पुस्तक का उद‍्देश्‍य भी यही है कि विश्‍वयुद्धों की विभीषिका से सीख लेकर हम युद्धों से तौबा कर लें और ऐसी परिस्थितियाँ पैदा न होने दें, जो युद्धों का जन्म दें। मानवीय संवेदना और मानवता को बचाए रखने का विनम्र प्रयास है यह पुस्तक।

युद्ध : रक्षा विज्ञान - Dwiteeya Vishwa Yuddha

Dwiteeya Vishwa Yuddha - by - Prabhat Prakashan

Dwiteeya Vishwa Yuddha -

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  • Stock: 10
  • Model: PP2051
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP2051
  • ISBN: 9789381063446
  • ISBN: 9789381063446
  • Total Pages: 248
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2018
₹ 500.00
Ex Tax: ₹ 500.00