भारत अत्यन्त विशाल देश है और इसके प्रदेश आर्थिक विकास तथा उसके कारकों की दृष्टि से एक दूसरे से बहुत भिन्न हैं। प्रत्येक प्रदेश की विकास योजनाओं को उसकी पृष्ठभूमि और परिप्रेक्ष्य में ही परखा जाना चाहिए। यह पुस्तक उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल के आर्थिक अध्ययन इस दृष्टि से प्रस्तुत करती है कि अन्..
हिन्दी-भाषी समाज के लिए यह स्थिति दुखद है कि देश की ज्वलन्त समस्याओं का परिप्रेक्ष्य स्पष्ट करनेवाली गम्भीर और व्यवस्थित सामग्री का हिन्दी में आज भी घोर अभाव है। प्रख्यात संविधान-विद् और पूर्व संसदीय सचिव सुभाष काश्यप की यह किताब राजनीति को प्रस्थान बिन्दु बनाते हुए भ्रष्टाचार अपराधीकरण, जातिवा..
CTET / TETs शिक्षक पात्रता परीक्षा बाल विकास एवं शिक्षण शास्त्र विषय पर आधारित इस पुस्तक में परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए अभ्यास हेतु 40 प्रैक्टिस सेट्स और 34 साल्व्ड पेपर्स के रूप में प्रश्नोत्तरों को संकलित किया गया है।इसमें सभी प्रश्नों के उत्तर व्याख्या सहित दिए गए हैं| सरल और सहज भाषा में ..
CTET/TETS शिक्षक पात्रता परीक्षा
बाल विकास एवं शिक्षण शास्त्र
30 सॉल्ड पेपर्स एवं 40 प्रैक्टिस सेट्स सहित
CTET, UPTET, MPTET, PTET, UTET, HTET, REET, BTET, CGTET एवं अन्य सभी DSSSB, KVS, NVS, RPSC इत्यादि परीक्षाओं के लिए समान रूप से उपयोगीविषय-सूची2019• केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा क..
CTET/TETS शिक्षक पात्रता परीक्षा
वस्तुनिष्ठ बाल विकास एवं शिक्षण शास्त्र 80 प्रैक्टिस सेट्स 48सॉल्ड पेपर्स
3800+ प्रश्नोत्तरों का संग्रह
CTET, UPTET, MPTET, PTET, UTET, HTET, REET, BTET, CGTET, JTET एवं अन्य समा DSSSB, KVS, NVS, RPSC इत्यादि परीक्षाओं के लिए समान रूप से उपयोगीविषय-सूचीq के..
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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2019
Edition Year 2021, Ed. 2nd
Pages 104p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1..
संविधान में 73वें संशोधन के बाद यह उम्मीद की गई कि देश के लाखों गाँवों में पंचायती राज की स्थापना से गाँवों के कष्ट दूर होंगे। विकास की बहुत उम्मीदें भी लगाई गईं, आरक्षण से गाँवों के पिछड़ों, महिलाओं के लिए स्थान भी सुरक्षित किए गए, पर हुआ क्या? क्या बिना साधनों के विकास सम्भव होगा? पंचायतों को अधिका..
मधुरेश की प्रस्तुत पुस्तक ‘हिन्दी आलोचना का विकास’ सामाजिक परिप्रेक्ष्य में ही आलोचना की मुख्य प्रवृत्तियों और आलोचकों के मूल्यांकन का प्रयास करती है। हिन्दी आलोचना में लोगों के अपने कुछ प्रिय आलोचक और युग रहे हैं।मधुरेश वस्तुनिष्ठ और विश्वसनीय रूप में समूची हिन्दी आलोचना और आलोचकों का मूल्यांकन क..
हिंदी के ऐतिहासिक संदर्भ में जहाँ अपभ्रंश, अवहट्ट और पुरानी हिंदी महत्त्व है वहीं उसके स्वरूप-निर्धारण में उसकी उपभाषाओं-बोलियों का, विशेष रूप से ब्रजभाषा और अवधी का, अप्रतिम महत्त्व है। हिंदी की प्रमुख बोलियों और उनके पारस्परिक संबंध पर भी विवेचन प्रस्तुत किया गया है। हिंदी भाषा के मानकीकरण की समस्..