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Politics - Bhartiya Rajniti Aur Sambidhan : Vikas, Vivad Aur Nidan

Politics - Bhartiya Rajniti Aur Sambidhan : Vikas, Vivad Aur Nidan
हिन्‍दी-भाषी समाज के लिए यह स्थिति दुखद है कि देश की ज्वलन्‍त समस्याओं का परिप्रेक्ष्य स्पष्ट करनेवाली गम्‍भीर और व्यवस्थित सामग्री का हिन्‍दी में आज भी घोर अभाव है। प्रख्यात संविधान-विद् और पूर्व संसदीय सचिव सुभाष काश्यप की यह किताब राजनीति को प्रस्थान बिन्‍दु बनाते हुए भ्रष्टाचार अपराधीकरण, जातिवाद और साम्‍प्रदायिकता आदि जैसे विषयों पर संविधान और संसद की भूमिकाओं का एक विकास-क्रम में खुलासा करती है। पुस्तक चार भागों में विभाजित है—‘स्वाधीनता की अर्द्धशती’, ‘भारत का संविधान’, ‘भारत की संसद’ और ‘राज्यों में विधानपालिका’। इसमें जहाँ एक ओर संविधान- निर्माण, संविधान की आत्मा और संसद की बहुआयामी भूमिका जैसे मूलभूत प्रश्नों का गहराई के साथ विवेचन हुआ है, वहीं कुछ बिलकुल ताज़ा मुद्‌दों; जैसे—न्यायिक सक्रियता, लोकपाल, दल-बदल, राज्यपालों की भूमिका, राष्ट्रपति शासन और अनुच्छेद  356, सदन-अध्यक्ष की भूमिका और संसदीय विशेषाधिकार आदि जैसे मुद्‌दों पर भी प्रकाश डाला गया है। 

Politics - Bhartiya Rajniti Aur Sambidhan : Vikas, Vivad Aur Nidan

Bhartiya Rajniti Aur Sambidhan : Vikas, Vivad Aur Nidan - by - Rajkamal Prakashan

Bhartiya Rajniti Aur Sambidhan : Vikas, Vivad Aur Nidan -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP2257
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP2257
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 224P
  • Edition: 2016, Ed. 4th
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 1999
₹ 550.00
Ex Tax: ₹ 550.00