‘बिसात : तीन बहनें तीन आख्यान’ एक अनूठी कथा-कृति है। कथा-साहित्य में विख्यात मंजुल भगत, मृदुला गर्ग और अचला बंसल तीनों सगी बहनें हैं। मंजुल भगत अब हमारे बीच नहीं हैं। मृदुला गर्ग व अचला बंसल निरन्तर सक्रिय हैं। तीनों के लेखन की पृथक् पहचान होने के बावजूद कुछ सूत्र ऐसे हैं जिन पर साझा अनुभवों के विवि..
हिंदुतत्व में स्त्री को देवी के समान माना गया है | देश के विभिन्न हिस्सों में देवी के अलग-अलग रूप पूजे जाते हैं| कहीं वह प्रकृति के रूप में माता हैं, कहीं पर मानवता की स्रष्टा है, कही पर ज्ञान कि देवी सरस्वती है तो कहीं पर सम्पदा कि देवी लक्ष्मी है | इन अलग अलग रूप के क्या महत्व हैं और इस देवी से जु..
डायबिटीज क्यों होती है? डायबिटीज की पहचान क्या है? डायबिटीज से कैसे बचें? मेथी शुगर को कैसे कम करती है? खाने-पीने में क्या-क्या एहतियात बरतें? कौन-कौन से योगासन शुगर को घटाते हैं? व्यायाम के समय क्या-क्या सावधानियाँ बरतें? इंसुलिन लेना कब ज़रूरी है? इमरजेंसी की घड़ियों में क्या करें? कब कौन-सा टेस्ट ..
इस भाग-दौड़ वाली ज़िन्दगी में क्या उपाय करें कि डायबिटीज से आप बचे रहें और अगर यह हो जाए तो उसे कैसे जीतें, प्रस्तुत कृति हमें यह सुगम राह दिखाती है। सरल-सुबोध शैली में रची गई इस पुस्तक में नई से नई वैज्ञानिक खोजों का खुलासा है। यह क्रान्तिकारी वैज्ञानिक सोच भी कि डायबिटीज में मीठी चीज़ें छोड़ना क़त..
‘‘मुझे पता था कि गुरु दत्त अपनी कुण्डली पहले भी बनवा चुके थे और तो और उन्होंने मेरी भी कुण्डली बनवा दी थी, संयोग से हम दोनों की राशि कर्क ही निकली। उनका जन्म नौ को हुआ था। जब उन्हें ज्ञात हुआ कि मेरी पैदाइश एक की थी तो वह बहुत प्रसन्न हुए। ‘नौ और एक मिल कर दस होते हैं, और दस एक बहुत ही शक्तिशाली संख..
‘‘मुझे पता था कि गुरु दत्त अपनी कुण्डली पहले भी बनवा चुके थे और तो और उन्होंने मेरी भी कुण्डली बनवा दी थी, संयोग से हम दोनों की राशि कर्क ही निकली। उनका जन्म नौ को हुआ था। जब उन्हें ज्ञात हुआ कि मेरी पैदाइश एक की थी तो वह बहुत प्रसन्न हुए। ‘नौ और एक मिल कर दस होते हैं, और दस एक बहुत ही शक्तिशाली संख..
‘मेरे समय के साथ’ में शामिल कविताएँ श्यामपलट पांडेय को उत्तर-आधुनिक दौर के कवि के रूप में एक विशेष पहचान प्रदान करती हैं। इस संग्रह की कविताओं में मनुष्य के स्वप्न एवं यथार्थ के मध्य की कठिन भूमि बार-बार उपस्थित होती है। मूल्यों के तेज़ी से होते क्षरण को लेकर उपजी बेचैनी और उन्हें बचाए रखने की विकलत..
यह उपन्यास लम्बे कालखंड, लगभग चार सौ साल के दौरान एक परिवार की कहानी है। इसमें मौखिक परम्परा, कहीं-कहीं वातावरण बनाने के लिए इतिहास और कहीं निजी अनुभवों का सम्मिश्रण है। एक तरह से यह लम्बा बयान है जो पात्र स्वयं देते हैं। लेखक भी एक द्रष्टा है। पात्र न तो उसके बनाए हुए हैं और न उसके वश में हैं। अपनी..
छायावाद की यशस्वी रचनाकार महादेवी वर्मा का लेखन किसी न किसी रूप में पाठकों व आलोचकों को आन्दोलित करता आया है। कभी उनकी रचनाओं में उनके जीवन के बिखरे सूत्र रेखांकित किए जाते हैं तो कभी उनके जीवन में रचनाओं के स्रोत खोजे जाते हैं। महादेवी द्वारा लिखित प्रत्येक शब्द स्वयं को ध्यान से पढ़े जाने का आग्रह ..
एक सहज और स्वाभाविक प्रश्न है, क्या मनुष्य अमर हो सकता
है? इसका जवाब इतना आसान नहीं है, क्योंकि आज भी मनुष्य उन सीमाओं के पार नहीं पहुँच सका है, जो उसे अमर बना दें। हाँ, कभी-कभी कुछ विशेष व्यक्तियों के लिए प्रकृति ने अपने नियम जरूर बदले हैं। ऐसे ही विशेष महामानव हैं-सात चिरंजीवी। ये सात चिरंजीवी इ..
यह उपन्यास अठारहवीं शताब्दी के प्रारम्भिक दौर में उत्तर भारत की राजनीति में जबरदस्त हलचल मचा देने वाली बेगम समरू के रहस्य और रोमांच से भरे जीवन पर आधारित है। जब औरतें पर्दे से बाहर नहीं निकलती थीं, कोठे पर मुजरा करने वाली समरू ने एक यूरोपीय सेनानी को अपना दीवाना बनाकर शादी कर ली। समरू ने पति के साथ ..
रोबेर्तो आल्र्ट (1900-1942) अर्जेंटीना के एक जाने माने पत्रकार व लेखक थे जिन्होंने कई उपन्यास और कहानियाँ लिखीं। रोबेर्तो आल्र्ट लैटिन अमेरिकन साहित्य में उतना ही प्रतिष्ठित और उल्लेखनीय स्थान रखते हैं जितना गेब्रियल गार्सिया मार्केज़ और इसाबेल अल्लेंदे। 1929 में लिखा गया उपन्यास सात पागल विनाश के क..