जब भी क्रांतिकारियों की बात होती है तो बरबस ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और अशफाक उल्लाह खाँ जैसे महान् क्रांतिकारियों के नाम जहन में आ जाते हैं, लेकिन उस क्रांतिकारी का नाम बहुत ही कम बार जुबान पर आता है, जिसने किशोरावस्था में ही अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए। भारत माँ के उस..
मदनलाल ढींगरा का जन्म 18 सितंबर, 1883 को पंजाब प्रांत के एक संपन्न हिंदू परिवार में हुआ था। उनके पिता दित्तामलजी सिविल सर्जन थे और अंग्रेजी रंग में पूरी तरह रँगे हुए थे; किंतु माताजी अत्यंत धार्मिक एवं भारतीय संस्कारों से परिपूर्ण महिला थीं। उनका परिवार अंग्रेजों का विश्वासपात्र था। जब मदनलाल को भा..
शहीद-ए-आजम भगत सिंह के अनन्य सहयोगी, विप्लवी बटुकेश्वर दत्त का जन्म पश्चिम बंगाल के ओआड़ी नामक गाँव में हुआ था। सन् 1928 में गठित ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी’ के वे सक्रिय सदस्य थे। 8 अप्रैल, 1929 को दिल्ली की सेंट्रल असेंबली में बम विस्फोट के बाद भगत सिंह एवं बटुकेश्वर दत्त जन-जन के नायक ब..
शहीद-ए-आजम भगत सिंह के अनन्य सहयोगी, विप्लवी बटुकेश्वर दत्त का जन्म पश्चिम बंगाल के ओआड़ी नामक गाँव में हुआ था। सन् 1928 में गठित ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी’ के वे सक्रिय सदस्य थे। 8 अप्रैल, 1929 को दिल्ली की सेंट्रल असेंबली में बम विस्फोट के बाद भगत सिंह एवं बटुकेश्वर दत्त जन-जन के नायक ब..
इस कसौटी पर 21वीं सदी के दूसरे दशक में पहला यक्षप्रश्न यह है— गांधी के स्वराज को सुराज बनाना है, भारत को महान् बनाकर इतिहास लिखना है, मानसिकता बदलनी है, सेक्युलर भारत को वैदिक भारत बनाना है?
सन् 1962 के चीन-भारत युद्ध में हुए शहीदों की दासता तो अभी भी हेंडरसन रिपोर्ट के अंदर ठंडे बस्ते में बंद पड़ी..
‘चन्द्रशेखर आज़ाद : विवेकशील क्रान्तिकारी’ प्रत्येक भारतीय के लिए एक अनिवार्य पाठ्य-पुस्तक की तरह है। चन्द्रशेखर आज़ाद ने भारत के स्वाधीनता संग्राम में महानायक की भूमिका निभाई। सच्चे अर्थों में उनका तन-मन-धन भारतमाता की सेवा में समर्पित रहा। वे आज़ाद जिए और अन्त तक पुलिस के हाथ न आए।आज़ाद ने अपने साहस..
प्रखर देशभक्ति, अटूट विश्वास और अदम्य साहस उनके चरित्र की पहचान थी। वे कभी मृत्यु से नहीं डरे और अपने जीवन को उन्होंने मातृभूमि को भेंट कर दिया था। उनकी मृत्यु अमरता की ओर एक कदम था। वे कोई और नहीं, शहीद जयकृष्ण महापात्र उपाख्य जयी राजगुरु हैं, जो ओडिशा में खोर्र्धा राज्य के राजा के राजगुरु थे, जिन्..
क्रांति का अर्थ और उद्देश्य केवल जुल्म के खिलाफ लड़ना मात्र नहीं होता, उसके बाद तत्कालीन शासन और समाज में अपेक्षित परिवर्तन व सुधार लाना भी होता है; जिसकी बहुत स्पष्ट रूपरेखा क्रांति नेतृत्व के पास होती है ।'.. आज के वातावरण को देखते हुए नई पीढ़ी के सामने ' आतंकवाद ' और ' क्रांति ' के भेद को स्पष्ट..
‘असहयोग आन्दोलन’ गांधीजी का बिल्कुल अनूठा और नया प्रयोग था। असहयोग की लहर में पूरा देश बह गया था। एक 14 वर्षीय छात्र ने भी इसमें अपनी आहुति दी। चन्द्रशेखर नाम के इस किशोर ने अदालत में अपना नाम ‘आज़ाद’ बताया। तब से वह आज़ाद ही रहा। एक किशोर असहयोगी से भारतीय क्रान्तिकारी दल के अजेय सेनापति बनने तक की आ..
साम्राज्यवादी शोषण और दासता के विरुद्ध उद्वेलित भारत ने जिन नौजवानों को जन्म देकर क्रान्ति की दिशा में बढ़ने को प्रेरित किया, उनमें यशपाल अत्यन्त भास्वर तेजोद्दीप्त, और इसीलिए सबसे भिन्न दिखाई पड़ते हैं। भिन्न इस अर्थ में कि अन्य क्रान्तिकारियों के निकट क्रान्ति जब ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध हिंसात्मक क..
क्रांतिकारियों की जीवन-गाथा और कुरबानी के प्रसंग हमेशा ही प्रेरणा देते हैं और हमें याद दिलाते हैं कि देश को आज़ादी उसके वीर सपूतों के खून के बदले मिली है। यह पुस्तक ऐसे ही वीर सपूतों का सचित्र जीवन-परिचय लेकर सामने आई है। वैसे तो देश की आज़ादी में हज़ारों दीवानों ने अपने प्राण गँवाए, लेकिन इस पुस्तक..