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संस्मरण : यात्रा वृतांत : पर्यटन

संस्मरण : यात्रा वृतांत : पर्यटन
स्वामी विवेकानंद वर्ष 1893 में जापान गए थे। दरअसल, जब वे विश्व धार्मिक सम्मेलन में शिरकत करने शिकागो जा रहे थे तो कुछ अवधि के लिए जापान में रुके थे। उन्होंने जापान के ओसाका, क्योटो और टोक्यो शहरों का भ्रमण किया था। भारत के कई सारे भगवान् जापान में पूजे जाते हैं। भारत में कारों की क्रांति लाने वाला म..
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नेपाल और भारत के संबंधों का इतिहास अत्यंत पुराना है। भारत और नेपाल के बीच हर क्षेत्र में परस्पर सहयोग और संबंध इतने बहुआयामी और व्यापक हैं कि उन्हें किसी सीमा में नहीं बाँधा जा सकता है। नेपाल हमारा निकटतम पड़ोसी है। दुनिया के नक्शे में भारत और नेपाल भले ही अलग-अलग देश हों, किंतु भौगोलिक स्वरूप की स..
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दुनिया के सभी बड़े शहरों के व्यक्तित्व में कई पहलू होते हैं और वे केवल उसी पहलू को प्रकट करते हैं, जिन्हें एक दर्शक या यात्री देखना चाहता है। इक्कीसवीं सदी में यात्रा करने का अर्थ सिर्फ चेक-इन करना, सेल्फीज पोस्ट करना या हैशटैग्स के साथ स्टेटस मैसेज लिखना नहीं है। आज इसका अर्थ है—उन स्थानों पर जाना,..
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हमारे देश का प्राचीन चिंतन तथा प्राचीन संस्कृति अत्यंत प्रगतिशील एवं समृद्ध रही है । हमारे देश में अनेक चिंतक, साधक-संत तथा महापुरुष हुए । उन सभी ने अपने युग को गहराई से देखा, समझा और फिर एक अच्छे भविष्य के लिए अपनी बातें कहीं । इन सभी के चिंतन के मूल में एक स्वच्छ एवं समतावादी सामाजिक व्यवस्था की स..
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झारखंड झाड़-झंखाड़ों का प्रदेश कहा जाता है। एक ऐसा प्रदेश, जहाँ जंगल हों, पठार हों, पहाड़ हों, झाड़ हों, झरने हों। ऐसे मनोरम प्रदेश का नाम झारखंड हो तो क्या आश्चर्य?15 नवंबर, 2000 को बिहार से अलग हुआ झारखंड अपने कई नामों से जाना जाता है। हर नाम की अपनी सार्थकता और इतिहास है। झारखंड को लोग आमतौर पर स..
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भूटान को रहस्यमय देश माना जाता है। कई सदनों, रहस्यवादियों, विद्वानों और तीर्थयात्रियों ने इसके अनेक दौरे किए हैं। इन सभी लोगों ने भूटान की भूमि और उसके लोगों को अनमोल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरे विश्व में विलक्षण माना है। यहाँ की भूमि एवं यहाँ के निवासी अपनी अमूल्य आध्यात्मिक तथा सां..
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‘महात्मा गांधी-प्रथम दर्शन : प्रथम अनुभूति’ कोई पुस्तक मात्र न होकर उन अनुभूतियों का संचय है जो हमारे लिए ऐतिहासिक धरोहर हैं। गांधीजी को जिन आँखों ने देखा, जिन कानों ने सुना तथा जिन्होंने उस महामानव के साथ अपने को संबद्ध किया उनमें से अधिकांश अब हमारे बीच नहीं हैं, और जो कुछ हैं भी वे भी कुछ वर्षों ..
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मॉरीशस भारत से दूर ' एक और भारत ' की अनुभूति करानेवाली यात्रा है । माँ गंगा की एक और धरती का साक्षात् दर्शन- ' गंगोतरी से गंगा सागर ' जैसी । मॉरीशस उन पुरखों की जीवटता की कहानी है, जिन्होंने दासता की दारुण यंत्रणाओं के बीच भी अपनी संस्कृति व संस्कारों को बचाए रखा । नई पीढ़ियों ने इस विरासत को आगे बढ़ा..
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यात्रा-वृत्तांत साहित्य की बड़ी जीवंत विधा है, जिसमें पहाड़ों की गूँज, नदियों की कल-कल और पक्षियों की मीठी चह-चह की तरह जीवन और जीवन-रस छलछलाता नजर आता है। इनमें हमारा समय है तो मानव-आस्था की सुदीर्घ परंपरा भी।  यात्रा-वृत्तांत एक तरह से कालदेवता की अभ्यर्थना भी हैं, जो पल में हमें कल से आज और आज स..
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कुछ दिनों में आप लोग भी बाहर जाएँगे। बाहर जाएँगे, और जैसा कि आप लोग कहा करते हैं, इस पृथ्वी पर स्वर्ग बसाने की कोशिश करेंगे। पृथ्वी पर स्वर्ग! कितनी सुंदर कल्पना! यह सपना सत्य हो। पर क्या आप लोगों के उस पृथ्वी के स्वर्ग में भी पतित रहेंगे, बाबू?... जहाँ पतित हों, जहाँ पतितों का देश हो—क्या उसे स्व..
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श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ का पहला काव्य-संग्रह ‘समर्पण’ सन् 1983 में प्रकाशित हुआ था। अब तक उनकी कविता, कहानी, उपन्यास, पर्यटन, व्यक्तित्व विकास विषयक कुछ 70 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। श्री ‘निशंक’ के साहित्य पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अब तक 10 शोध एवं 12 लघुशोध कार्य हो चुक..
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तमाशा मेरे आगे’ का ‘कैनवास’ बहुत बड़ा है। हेमंत शर्मा के लेखों का दायरा इतना व्यापक है कि समूची कायनात इसमें समा जाए। प्रकृति, समाज, उत्सव, संस्कृति, सरोकार, रिश्ते, नाते, दोस्त, देवता, दानव—क्या नहीं है इन लेखों में। विषय भले अलग-अलग हों, लेकिन सब पर एक तीखी बनारसी दृष्‍ट‌ि है। हेमंत शर्मा ने जो तम..
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