संस्मरण : यात्रा वृतांत : पर्यटन - Mauritius Ki Swarnim Smritiyan
मॉरीशस भारत से दूर ' एक और भारत ' की अनुभूति करानेवाली यात्रा है । माँ गंगा की एक और धरती का साक्षात् दर्शन- ' गंगोतरी से गंगा सागर ' जैसी । मॉरीशस उन पुरखों की जीवटता की कहानी है, जिन्होंने दासता की दारुण यंत्रणाओं के बीच भी अपनी संस्कृति व संस्कारों को बचाए रखा । नई पीढ़ियों ने इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए अपनी जन्मभूमि मॉरीशस को समृद्ध, सुसंस्कारित ही नहीं बल्कि मातृभूमि भारत का जीवंत प्रतिरूप ही बना दिया । यही नहीं, दास बनाकर लाए गए पुरखों की इन संततियों ने स्वयश से यशस्वी बनकर आज यहाँ की बागडोर भी सँभाल ली है ।
जो लोग कठिन-से-कठिन स्थितियों में भी हार माननेवाले नहीं होते, स्वयं यश अर्जित करनेवाले, सबके प्रति सरल होते हैं, और मन में जो ठान लिया, उसे कर दिखानेवाले होते हैं ऐसे कर्मठ लोग ही मनुष्यों में शिरोमणि होते हैं ।
प्रस्तुत पुस्तक में मॉरीशस की सांस्कृतिक झाँकी, पर्व, त्योहार, वेश- भूषा, खान-पान तथा विकसित मॉरीशस की विकास-यात्रा सरसता से सँजोई गई है । मॉरीशस की स्वर्णिम स्मृतियों का झरोखा है यह पुस्तक ।अनुक्रमणिकाश्रद्धावनत — Pgs. 51. माँ गंगा की एक और धरती — Pgs. 92. मॉरीशस : एक लघु-भारत — Pgs. 213. सागर के मध्य एक नायाब नगीना — Pgs. 274. सदा स्मरणीय ‘मील के पत्थर’ — Pgs. 315. अविस्मरणीय दिन : यात्रा का आमंत्रण — Pgs. 356. यात्रा का शुभारंभ : दुबई में तीन घंटे — Pgs. 407. मॉरीशस की धरती को शारस्वत नमन् — Pgs. 468. प्रधानमंत्री आवास पर अविस्मरणीय आतिथ्य — Pgs. 519. महामहिम से भेंट : सहज आत्मीयता के दर्शन — Pgs. 5710. एम.जी.आई. : हमारी साझी विरासत — Pgs. 6411. दिवस ढला : कुछ फुरसत के पल — Pgs. 7212. ‘राजघाट’ याद आ गया : राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि — Pgs. 8113. गोपियो सम्मेलन : निवेश का आमंत्रण — Pgs. 9514. साइबर टावर : भारत-मॉरीशस समृद्धि का द्वार — Pgs. 10315. गंगा तलाव : भारत के बाहर ‘कुंभ’ — Pgs. 10616. मॉरीशस का जायका : भारतीय व्यंजनों की महक — Pgs. 11417. मॉरीशस में तीसरा दिनः एक-एक क्षण का उपयोग — Pgs. 12018. ले मोर्न : स्वाभिमान और आत्मोत्सर्ग की मिसाल — Pgs. 12319. अप्रवासी घाट : अमानुषिक यंत्रणा का मूक गवाह — Pgs. 13620. खड़े हुए प्रश्न का विमोचन : साहित्य गंगा का अविरल प्रवाह — Pgs. 14321. गोपियो भोज : बहुआयामी रिश्तों का शुभारंभ — Pgs. 15122. अनमोल यादें : संगठनों से मुलाकात — Pgs. 15423. समुद्र बीच पर चहलकदमी : घूमने के नाम पर बस इतना ही — Pgs. 15624. भारत-मॉरीशस : एक-दूसरे की जरूरत — Pgs. 16125. विदाई की बेला : फिर आना मॉरीशस — Pgs. 16526. अमिट अनुभूतियाँ : दिल में समाया मॉरीशस — Pgs. 16827. स्वदेश वापसी : महाकुंभ की चुनौती — Pgs. 171परिशिष्टमहामहिम राष्ट्रपति सर अनिरुद्ध जगन्नाथ का संबोधन — Pgs. 173गोपियो सम्मेलन के अवसर पर मेरा उद्बोधन — Pgs. 175प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का संबोधन — Pgs. 177महाशिवरात्रि पर्व गंगा जलाव पर मेरा संबोधन — Pgs. 179
संस्मरण : यात्रा वृतांत : पर्यटन - Mauritius Ki Swarnim Smritiyan
Mauritius Ki Swarnim Smritiyan - by - Prabhat Prakashan
Mauritius Ki Swarnim Smritiyan - मॉरीशस भारत से दूर ' एक और भारत ' की अनुभूति करानेवाली यात्रा है । माँ गंगा की एक और धरती का साक्षात् दर्शन- ' गंगोतरी से गंगा सागर ' जैसी । मॉरीशस उन पुरखों की जीवटता की कहानी है, जिन्होंने दासता की दारुण यंत्रणाओं के बीच भी अपनी संस्कृति व संस्कारों को बचाए रखा । नई पीढ़ियों ने इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए अपनी जन्मभूमि मॉरीशस को समृद्ध, सुसंस्कारित ही नहीं बल्कि मातृभूमि भारत का जीवंत प्रतिरूप ही बना दिया । यही नहीं, दास बनाकर लाए गए पुरखों की इन संततियों ने स्वयश से यशस्वी बनकर आज यहाँ की बागडोर भी सँभाल ली है । जो लोग कठिन-से-कठिन स्थितियों में भी हार माननेवाले नहीं होते, स्वयं यश अर्जित करनेवाले, सबके प्रति सरल होते हैं, और मन में जो ठान लिया, उसे कर दिखानेवाले होते हैं ऐसे कर्मठ लोग ही मनुष्यों में शिरोमणि होते हैं । प्रस्तुत पुस्तक में मॉरीशस की सांस्कृतिक झाँकी, पर्व, त्योहार, वेश- भूषा, खान-पान तथा विकसित मॉरीशस की विकास-यात्रा सरसता से सँजोई गई है । मॉरीशस की स्वर्णिम स्मृतियों का झरोखा है यह पुस्तक ।अनुक्रमणिकाश्रद्धावनत — Pgs.
- Stock: 10
- Model: PP2866
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2866
- ISBN: 9789350481226
- ISBN: 9789350481226
- Total Pages: 184
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2021
₹ 450.00
Ex Tax: ₹ 450.00