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जीवनी - Hamare Rajju Bhaiya

जीवनी - Hamare Rajju Bhaiya
प्रयाग विश्‍वविद्यालय में भौतिक शास्त्र के प्रोफेसर एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चौथे सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध अक्‍तूबर 1942 में आरंभ हुआ। विश्‍वविद्यालय के मेधावी छात्रों में उनकी गणना होती थी। विश्‍वविद्यालय ने उन्हें शिक्षक के रूप में अपनाया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उन्हें प्रयाग नगर का दायित्व सौंप दिया। 1994 में जब संघ के तीसरे सरसंघचालक श्री बालासाहेब देवरस ने अपने जीवनकाल में ही रज्जू भैया का सरसंघचालक पद पर अभिषेक किया तो यह घटना भारत के सार्वजनिक जीवन में एक बड़ा धमाका बन गई थी। रज्जू भैया का परिचय-क्षेत्र बहुत व्यापक  था।  विभिन्न  दलों  और विचारधाराओं के राजनेताओं से उनके सहज संबंध थे, सभी संप्रदायों के आचार्यों व संतों के प्रति उनके मन में श्रद्धा थी और अनेकों का स्नेह और आशीर्वाद उन्हें प्राप्त हुआ था। देश-विदेश के वैज्ञानिकों, विशेषकर सर सी.वी. रमण जैसे श्रेष्‍ठ वैज्ञानिक का उनके प्रति आकर्षण था। ऐसे बहुआयामी  व्यक्तित्व को, उसकी समग्रता को एक छोटे से संकलन में बटोर पाना संभव नहीं है। यह कृति रज्जू भैया के प्रेरणाप्रद-सार्थक-राष्ट्रसमर्पित जीवन की एक झाँकी मात्र है, जो उनकी विराटता का दिग्दर्शन कराएगी। एक तपस्वी और महान् राष्ट्रसेवी की स्मृति को पुनीत स्मरणांजलि है यह ग्रंथ।अनुक्रमपुष्पांजलि 1आत्मकथाप्रस्तावना ३१. पृष्ठभूमि—५२. बचपन—९३. विद्यालयकालीन स्मृतियाँ—१५४. नेपाल-भ्रमण—१९५. भयंकर कार दुर्घटना—२२६. नैनीताल सन् १९३७ से १९३८ तक—२८७. विश्वविद्यालय में बीते दिन—३६८. काशी हिंदू विश्वविद्यालय रजत जयंती वर्ष—४५९. अगस्त आंदोलन—४९१०. संघ के साथ संपर्क—५२११. वाराणसी का संघ शिक्षा वर्ग—५७१२. संघ कार्य और प्राध्यापक पद—५९१३. अध्यापक के रूप में अनुभव—६११४. मेरा प्रथम वेतन—६४१५. शाखा कार्य—६७१६. सन् १९४२ से १९४७—७११७. मेरे सहपाठी—७५१८. गांधीजी की दु:खद हत्या और जेल जीवन—७८१९. पुन: संघ का कार्य—८४२०. सन् १९५२ से १९६०—९१२१. सन् १९७१ का निर्वाचन और बाद के विद्यार्थी आंदोलन—९९२२. मेरे प्रियजन—१०४२३. जिनसे मैंने सीखा—११७२४. कुछ श्रेष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता—१२९२५. कुछ श्रेष्ठ पुरुष—१४२२६. श्रेष्ठ संतजन—१५०२७. राजनेता—१५७२८. आपातकाल में भूमिगत जीवन—१६६विचार प्रवाह—भाषण१. सक्रिय हिंदू-समर्थ भारत—१७९२. पूरा विश्व भारतमाता की जय कहेगा—१९९३. महिलाओं का योगदान—२१६४. डॉटरजी का राष्ट्र-जीवन में विशेष योगदान—२२१५. हिंदू समाज बनाम मुसलमान—२३२६. संघकार्य की मूल प्रेरणा—२४३७. हिंदू समाज पर आक्रमण—२५०८. हिंदू चिंतन की विशेषताएँ—२६६९. सावधान—२८५१०. हिंदू गौरव की पुन:स्थापना—२९७११. वर्ष-प्रतिपदा पर एक संकल्प का पुन:स्मरण—३०३१२. हिंदुत्व—तीसरा विकल्प—३०८१३. भारत से फूटती किरणें—३१४१४. डॉ. अंबेडकर—३२७विचार प्रवाह—लेख१. संघ-कार्य—३३३२. हिंदुत्व—३३८३. राजनीति और संघ—३४०४. सुरक्षा—३४२५. मुसलमान—३४५६. स्वदेशी—३४८७. गैट समझौता—३५०८. अयोध्या—३५२९. सामाजिक समरसता—३५५१०. मैं ‘रज्जू भैया’—सबका भ्राता—३५९स्मरणांजलि१. उनसे मिला बड़े भाई जैसा स्नेह—३६३२. कुछ संस्मरण उस विभूति के—३६५३. सेवा, समरसता और वैचारिक सामंजस्य के पुरोधा—रज्जू भैया—३६९४. सबसे एक,  सबसे अलग—३७३५. रज्जू भैया का वैचारिक जीवन—३७६६. जीवन के संध्याकाल में रज्जू भैया का प्रयाग प्रवास—३८०७. ऐसे थे सबके रज्जू भैया—३८३८. भाषण के साथ-साथ गिनती भी—३८९९. साधारण वेश में एक असाधारण व्यतित्व—३९११०. अजातशत्रु रज्जू भैया—३९७११. हम छात्रों के दिलोदिमाग पर छा गए—४००१२. Rajju bhaiya, As I know Him—४०४१३. रज्जू भैया की कहानी उन्हीं की जुबानी—४०८१४. रज्जू भैया : शरीर नहीं, मूर्तिमंत आदर्शवाद—४१५

जीवनी - Hamare Rajju Bhaiya

Hamare Rajju Bhaiya - by - Prabhat Prakashan

Hamare Rajju Bhaiya - प्रयाग विश्‍वविद्यालय में भौतिक शास्त्र के प्रोफेसर एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चौथे सरसंघचालक प्रो.

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  • Stock: 10
  • Model: PP1080
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1080
  • ISBN: 9789350489918
  • ISBN: 9789350489918
  • Total Pages: 420
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2016
₹ 500.00
Ex Tax: ₹ 500.00