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जीवनी - Hamare Balasahab Devras

जीवनी - Hamare Balasahab Devras
बालासाहब देवरसजी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीसरे सरसंघचालक थे। उनका जीवन अत्यंत सरल था तथा वे मिलनसार प्रवृत्ति के थे, परंतु प्रसिद्धि से कोसों दूर रहने के साथ-साथ वे कुशल संगठक और दूरदृष्टा थे। बालासाहबजी के जीवन को समझने हेतु पाठकों के लिए इस पुस्तक में बाबू राव चौथाई वालेजी का संस्मरण उल्लेखनीय है। पुणे में चलनेवाली बसंत व्याख्यानमाला में हुए बालासाहबजी के ऐतिहासिक भाषण ने इस बात को प्रमाणित किया कि वे सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे। उन्होंने अपने एक भाषण में कहा था, ‘‘यदि छुआछूत पाप नहीं है तो इस संसार में कुछ भी पाप नहीं है। वर्तमान दलित समुदाय जो अभी भी हिंदू है, जिन्होंने जाति से बाहर होना स्वीकार किया, किंतु विदेशी शासकों द्वारा जबरन धर्म परिवर्तन स्वीकार नहीं किया।’’  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर शासन द्वारा लगाए गए तीनों प्रतिबंधों (वर्ष 1948, 1975 और 1992) के बालासाहबजी साक्षी रहे थे। उनके कार्यकाल में ही देश के अंदर कई ऐतिहासिक घटनाएँ घटित हुईं—ऑपरेशन ब्लू स्टार हुआ, पंजाब की समस्या, आरक्षण विवाद, शाहबानो प्रकरण, अयोध्या आंदोलन चला इत्यादि। ऐतिहासिक पुरुष बालासाहब देवरसजी के प्रेरणाप्रद जीवन का दिग्दर्शन कराती पठनीय पुस्तक।अनुक्रमपुरोकथन : रामबहादुर राय—5पुस्तक के बारे में... : राजीव गुप्ता—45खंड-1व्यतित्व1. जीवन परिचयपरिवर्तन के अग्रदूत : विजय कुमार, विश्व हिंदू परिषद्—552. जैसा देखा-समझा1. हमारे बालासाहब : दोपंत ठेंगड़ी, भारतीय मजदूर संघ—632. मेरे देखे हुए परम पूजनीय श्री बालासाहब देवरस : बाबूराव चौथाई वाले, श्री बालासाहब देवरस के निजी सचिव—753. बालासाहब देवरस : शरद हेबालकर, सचिव-इतिहास संकलन योजना—1104. बालासाहब का व्यतित्व : श्रीरंग अरविंद गोडबोले—138खंड-2महवपूर्ण भाषण1. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ1. कार्य का लक्ष्य—1512. अचल व्यतित्व श्रीगुरुजी—1583. संघ संस्थापक का वैशिष्ट्य—1642. राजनीति1. राष्ट्र-जीवन की अग्नि-परीक्षा—1682. हिंदू हित-विरोधियों को मत न दें—1843. टूटती कांग्रेस का विकल्प : हिंदू संगठन—1904. अल्पसंयकवाद : एक विष-बेल—1993. समाज1. सामाजिक समता और हिंदू संगठन—2112. हिंदू संगठन : एक राष्ट्रीय आवश्यकता—2224. ज्वलंत प्रश्न1. हिंदुत्व : तव और व्यवहार—2412. सत्य का उद्घोष करें—2565. अन्य1. जमशेदपुर का भाषण—2762. पंजाब समस्या : समाधान की दिशा—2973. समस्याओं के समाधान की कसौटी—312खंड-3लेख, पत्र और दस्तावेज1. दस्तावेज (गुरुजी का पत्र)—3332. आपातकाल में प्रधानमंत्री को लिखा प्रथम पत्र—3343. आपातकाल में प्रधानमंत्री को लिखा द्वितीय पत्र—3374. आपातकाल में आचार्यकुल सम्मेलन से पूर्व—— श्री विनोबा भावे को लिखा पत्र—3415. आचार्यकुल सम्मेलन के बाद श्री विनोबा भावे को लिखा पत्र—3446. जब भगत सिंह को फाँसी दी गई—346खंड-4पत्रकार र्वा एवं साक्षात्कार1. पत्रकार र्वा : पुणे—3512. पत्रकार र्वा : दिल्ली—3533. पत्रकार र्वा : राजस्थान प्रांतीय शिविर—3754. पत्रकार र्वा : कर्णावती—3815. पत्रकार र्वा : जयपुर—3886. पत्रकार र्वा : रोटरी लब, दिल्ली—3967. साक्षात्कार : रामशंकर अग्निहोत्री—4058. साक्षात्कार : वीरेश्वर द्विवेदी—4099. साक्षात्कार : राष्ट्रधर्म—413खंड-5स्मरण1. प्रो. राजेंद्र सिंह—4212. श्री के.एस. सुदर्शन—4233. श्री माधवराव मूले—4264. श्री हो.वे. शेषाद्रि—4285. श्री मोहनराव भागवत—4336. श्री एकनाथ रानाडे—4437. पं. बच्छराज व्यास—4448. श्री बसंतराव ओक—4459. श्री अशोक सिंहल—44810. सुश्री उषा ताई चाटी—44811. श्री भैरोंसिंह शेखावत—44912. श्री चंद्रशेखर—45013. श्री एच.डी. देवगौड़ा—45014. श्री अटल बिहारी वाजपेयी—45015. श्री लालकृष्ण आडवाणी—45116. श्री नारायण दा तिवारी—45217. श्री मनोहर जोशी—45318. श्री दिग्विजय सिंह—45319. श्री मुलायम सिंह यादव—453परिशिष्टअयोध्या : चंपत राय—454

जीवनी - Hamare Balasahab Devras

Hamare Balasahab Devras - by - Prabhat Prakashan

Hamare Balasahab Devras - बालासाहब देवरसजी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीसरे सरसंघचालक थे। उनका जीवन अत्यंत सरल था तथा वे मिलनसार प्रवृत्ति के थे, परंतु प्रसिद्धि से कोसों दूर रहने के साथ-साथ वे कुशल संगठक और दूरदृष्टा थे। बालासाहबजी के जीवन को समझने हेतु पाठकों के लिए इस पुस्तक में बाबू राव चौथाई वालेजी का संस्मरण उल्लेखनीय है। पुणे में चलनेवाली बसंत व्याख्यानमाला में हुए बालासाहबजी के ऐतिहासिक भाषण ने इस बात को प्रमाणित किया कि वे सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे। उन्होंने अपने एक भाषण में कहा था, ‘‘यदि छुआछूत पाप नहीं है तो इस संसार में कुछ भी पाप नहीं है। वर्तमान दलित समुदाय जो अभी भी हिंदू है, जिन्होंने जाति से बाहर होना स्वीकार किया, किंतु विदेशी शासकों द्वारा जबरन धर्म परिवर्तन स्वीकार नहीं किया।’’  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर शासन द्वारा लगाए गए तीनों प्रतिबंधों (वर्ष 1948, 1975 और 1992) के बालासाहबजी साक्षी रहे थे। उनके कार्यकाल में ही देश के अंदर कई ऐतिहासिक घटनाएँ घटित हुईं—ऑपरेशन ब्लू स्टार हुआ, पंजाब की समस्या, आरक्षण विवाद, शाहबानो प्रकरण, अयोध्या आंदोलन चला इत्यादि। ऐतिहासिक पुरुष बालासाहब देवरसजी के प्रेरणाप्रद जीवन का दिग्दर्शन कराती पठनीय पुस्तक।अनुक्रमपुरोकथन : रामबहादुर राय—5पुस्तक के बारे में.

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  • Stock: 10
  • Model: PP1242
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1242
  • ISBN: 9789386300508
  • ISBN: 9789386300508
  • Total Pages: 456
  • Edition: Edition 1
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2019
₹ 600.00
Ex Tax: ₹ 600.00