लेख : निबंध : पत्र - Khel-Khel Mein Ganit
संसार में बुद्धिमान कम और मूर्ख अधिक क्यों हैं?' किसी ने पूछा तो जवाब मिला-' संख्या ( गणित) की अनभिज्ञता के कारण । ' यदि गणित न हो तो संसार का समस्त विकास तत्क्षण चौपट हो जाएगा । हमारे जीवन को कोई पाठ्य- विषय प्रभावित करे या न करे, गणित के बिना-पढ़े -लिखे और अनपढ़-किसी का भी कार्य चलना असंभव है । गणित के अभाव में भाषा गूँगी हो जाएगी तथा हमें अँगुलियों के इशारों से काम चलाना पड़ेगा । अत : जीवन स्वयं में जितना आवश्यक है, उतना ही गणित जीवन के लिए आवश्यक है । फिर क्या कारण है कि अधिकांश विद्यार्थी गणित के नाम से ही घबराने लगते हैं-वे चाहे प्राइमरी कक्षा के हों, विद्यालय, विश्वविद्यालय के हों या कि प्रतियोगी परीक्षाओं के परीक्षार्थी? कारण है, विषय का नीरस होना ।
प्रस्तुत पुस्तक में गणित के ऐसे सरल- सुबोध सूत्र (फार्मूला) विद्वान् लेखकों ने प्रस्तुत किए हैं कि चुटकी बजाते ही, बड़ी- बड़ी संख्याओं के जोड़, घटाना, गुणा, भाग, वर्गमूल, घनमूल आदि- आदि निकाले जा सकते हैं । पुस्तक का नाम ' खेल-खेल में गणित ' सार्थक तो है ही, इन सूत्रों को याद करने मात्र से नीरस विषय भी सरस हो जाता है । यह पुस्तक विद्यार्थियों तथा प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी ।
हाथ कंगन को आरसी क्या, पड़े - लिखे को फारसी क्या? पुस्तक आपके हाथ में है, आजमाकर देख लीजिए ।
लेख : निबंध : पत्र - Khel-Khel Mein Ganit
Khel-Khel Mein Ganit - by - Prabhat Prakashan
Khel-Khel Mein Ganit - संसार में बुद्धिमान कम और मूर्ख अधिक क्यों हैं?
- Stock: 10
- Model: PP2358
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2358
- ISBN: 9788177213034
- ISBN: 9788177213034
- Total Pages: 106
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2018
₹ 200.00
Ex Tax: ₹ 200.00