प्रश्नोत्तरी शृंखला - 1000 Ganit Prashnottari
विज्ञान के इतिहास मे कॉपरनिकस को जिंदा जला दिए जाने की घटना चर्चा में रही है; मगर इससे एक हजार वर्ष पहले पाँचवीं सदी में सिकंदरिया की गणितज्ञा हाइपेशिया के साथ भी इसी तरह का सलूक किया गया था, ऐसा थोड़े ही लोग जानते हैं ।
गणित के क्षेत्र में ढेरों महान् खोजें हुई हैं; मगर स्वयं गणित लोकजीवन के सामान्य चिंतन से बाहर होता चला गया है । यही वजह है कि गणित एक नीरस विषय लगने लगा है और उसमें आम लोगों की दिलचस्पी घटने लगी है; जबकि जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जहाँ अंकों से किसी-न-किसी का वास्ता न पड़ता हो । गणित की आकाशगंगा में भी एक- से-एक देदीप्यमान नक्षत्र हैं; यथा- आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, महावीराचार्य, भास्कराचार्य, यूक्लिड, आर्किमिडीज, रेने डेकार्ट, डेविड हिल्बर्ट, गॉस, लाइबनिट्ज, रामानुजन आदि । यह कड़ी यहीं खत्म नहीं होती बल्कि सतत जारी है ।
सामान्यजन को गणित के विषय में तथ्यपरक जानकारी देना इस्र पुस्तक का उद्देश्य है ।
प्रश्नोत्तरी शृंखला - 1000 Ganit Prashnottari
1000 Ganit Prashnottari - by - Prabhat Prakashan
1000 Ganit Prashnottari -
- Stock: 10
- Model: PP1835
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1835
- ISBN: 9788177212747
- ISBN: 9788177212747
- Total Pages: 192
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2021
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00