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राजनीति : सामाजिक - Samaj Chintan

राजनीति : सामाजिक - Samaj Chintan
प्रसिद्ध समाजधर्मी अविनाश राय खन्ना विलक्षण  व्यक्तित्व  हैं।  सक्रिय राजनीति में, सांसद रहते हुए भी वे सामाजिक विषयों पर लिखते रहे और इन मुद्दों को संसद् में भी उठाते रहे। इस पुस्तक में पाँच प्रतिशत लेख भी राजनीति पर आधारित नहीं हैं। समाज-चिंतन उनके सभी लेखों का मूल है। पुस्तक में उनके लेखों को विषयानुसार नौ अध्यायों में बाँटा गया है। समाज की बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान कैसे समाज मिलकर निकाल सकता है, जैसे—अनाथ बच्चों के प्रति समाज की क्या जिम्मेदारी होनी चाहिए, गुमशुदा बच्चों और उनके अपराधीकरण को कैसे रोका जाए आदि पर उन्होंने व्यावहारिक चर्चा की है। उन्होंने समाज से जुड़े ऐसे विषयों को चुना है, जिनका राजनीति और सरकारों से कोई संबंध नहीं होता, जैसे—टूटते परिवारों को टूटने से कैसे बचाया जा सकता है। इसका कारण वे संस्कारों की विखुमता को मानते हैं। अपने लेखन में उन्होंने इसकी भी चिंता की है कि बच्चों को कैसे संस्कारवान बनाया जाए। वे मूलतः पंजाब से हैं, जहाँ हाल ही के दो दशकों में पंजाब के युवाओं में नशे की आदत बढ़ी है, ‘उड़ता पंजाब’ फिल्म ने इस समस्या को राष्ट्र के सामने रखा था। ‘नशे की आदत से कैसे छुटकारा प्राप्त किया जाए’ लेख में इसका भी समाधान प्रस्तुत किया गया है। शिक्षा और स्वास्थ्य लेखक के प्रिय विषय जान पड़ते हैं। शिक्षा के साथ सैन्य प्रशिक्षण को वे राष्ट्र-निर्माण के लिए महत्त्वपूर्ण मानते हैं। कुल मिलाकर समाज-चिंतन का एक गुलदस्ता आपके हाथ में है। उम्मीद है, यह पुस्तक सभी के लिए प्रेरणादायी साबित होगी।अनुक्रमप्राक्कथन : राजनीतिक जीवन बनाम सामाजिक जीवन —Pgs. 7समाज —Pgs. 11भावनात्मक प्रयास —Pgs. 13अनाथ बच्‍चे और समाज —Pgs. 17राहत योजनाएँ —Pgs. 21‘संकल्प से सिद्धि’—नवभारत दीक्षित भारत —Pgs. 25टूटते परिवार —Pgs. 28नशा मुक्ति कैसे हो? —Pgs. 31संस्कारों से विमुखता के दुष्परिणाम —Pgs. 34बिछड़ों को मिलाने के प्रयास में रेडक्राॅस —Pgs. 37‘गोल्ड मेडल’ का दहेज —Pgs. 40बेटियाँ सुखी तो राष्ट्र सुखी —Pgs. 43समस्याओं का निदान —Pgs. 47गुमशुदा बच्‍चों का अपराधीकरण —Pgs. 49अप्रवासी विवाह का आकर्षण —Pgs. 52अप्रवासियों पर आतंकवाद के खतरे —Pgs. 56दुर्घटनाएँ ऐसे नहीं रुकेंगी —Pgs. 59सड़क दुर्घटनाएँ कम हो सकती हैं —Pgs. 64पुलिस स्टेशनों के मालखाने —Pgs. 67पुलिस का पुलिसिया रूप —Pgs. 70खतरे —Pgs. 73जानलेवा है प्लास्टिक —Pgs. 75जल के लिए युद्ध नहीं प्रेम बरसाओ —Pgs. 78सुनामी के सबक —Pgs. 81अजीनोमोटो का बहिष्कार —Pgs. 84खेल —Pgs. 87भारत का राष्ट्रीय खेल? —Pgs. 89खिलाड़ियों के द्वारा रक्त अपमिश्रण —Pgs. 91शिक्षा और स्वास्थ्य —Pgs. 95विकास में बाधक जनसंख्या वृद्धि —Pgs. 97‘खस्ताहाल सरकारी अस्पताल’ —Pgs. 101भ्रष्टाचारी कोटेड स्टंट —Pgs. 104बचपन में पेट के कीड़े —Pgs. 107कितने स्वस्थ हैं हमारे बच्‍चे? —Pgs. 110शिक्षा से जोड़ा जाए स्वास्थ्य —Pgs. 113टी.बी. के कारण सामाजिक बहिष्कार उचित नहीं —Pgs. 116स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता है स्वास्थ्य बीमा —Pgs. 119देहदान-अंगदान है—महादान —Pgs. 122शिक्षा में व्यापक सुधार जरूरी —Pgs. 125स्कूल : शॉप ऑफ आनेस्टी —Pgs. 128राजनीति —Pgs. 131शास्त्री के बाद मोदी —Pgs. 133केरल और कम्युनिस्ट —Pgs. 136नकारात्मक राजनीति को नकार दें —Pgs. 138युवा पीढ़ी के प्रेरणास‍्रोत कौन हों? —Pgs. 141सरकारी न्याय —Pgs. 145‘मुद्रा बैंक’ एक क्रांति —Pgs. 147आदर्श ग्राम गांधी का सपना —Pgs. 150प्राकृतिक आपदाएँ और बीमा योजना —Pgs. 153न्याय व्यवस्था के पूर्ण सुधार की तैयारी —Pgs. 156भुखमरी समाप्त करने के लिए बने फूड बैंक —Pgs. 160अदालती प्रक्रिया में सुधार जरूरी —Pgs. 163धार्मिक सांस्कृतिक —Pgs. 167अल्पसंख्यक हो रहे हिंदू —Pgs. 169भाई घन्हैयाजी —Pgs. 171चित्रकूट का महत्त्व —Pgs. 174चिंता के विषय —Pgs. 177शिक्षा में सैनिक प्रशिक्षण —Pgs. 179अपने कर्तव्य पहचानिए —Pgs. 182कश्मीर में केंद्रीय अधिकारी —Pgs. 185जेलों का वातावरण सुधारवादी कैसे बने? —Pgs. 187राजनीति में महिलाओं की भागीदारी —Pgs. 190

राजनीति : सामाजिक - Samaj Chintan

Samaj Chintan - by - Prabhat Prakashan

Samaj Chintan - प्रसिद्ध समाजधर्मी अविनाश राय खन्ना विलक्षण  व्यक्तित्व  हैं।  सक्रिय राजनीति में, सांसद रहते हुए भी वे सामाजिक विषयों पर लिखते रहे और इन मुद्दों को संसद् में भी उठाते रहे। इस पुस्तक में पाँच प्रतिशत लेख भी राजनीति पर आधारित नहीं हैं। समाज-चिंतन उनके सभी लेखों का मूल है। पुस्तक में उनके लेखों को विषयानुसार नौ अध्यायों में बाँटा गया है। समाज की बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान कैसे समाज मिलकर निकाल सकता है, जैसे—अनाथ बच्चों के प्रति समाज की क्या जिम्मेदारी होनी चाहिए, गुमशुदा बच्चों और उनके अपराधीकरण को कैसे रोका जाए आदि पर उन्होंने व्यावहारिक चर्चा की है। उन्होंने समाज से जुड़े ऐसे विषयों को चुना है, जिनका राजनीति और सरकारों से कोई संबंध नहीं होता, जैसे—टूटते परिवारों को टूटने से कैसे बचाया जा सकता है। इसका कारण वे संस्कारों की विखुमता को मानते हैं। अपने लेखन में उन्होंने इसकी भी चिंता की है कि बच्चों को कैसे संस्कारवान बनाया जाए। वे मूलतः पंजाब से हैं, जहाँ हाल ही के दो दशकों में पंजाब के युवाओं में नशे की आदत बढ़ी है, ‘उड़ता पंजाब’ फिल्म ने इस समस्या को राष्ट्र के सामने रखा था। ‘नशे की आदत से कैसे छुटकारा प्राप्त किया जाए’ लेख में इसका भी समाधान प्रस्तुत किया गया है। शिक्षा और स्वास्थ्य लेखक के प्रिय विषय जान पड़ते हैं। शिक्षा के साथ सैन्य प्रशिक्षण को वे राष्ट्र-निर्माण के लिए महत्त्वपूर्ण मानते हैं। कुल मिलाकर समाज-चिंतन का एक गुलदस्ता आपके हाथ में है। उम्मीद है, यह पुस्तक सभी के लिए प्रेरणादायी साबित होगी।अनुक्रमप्राक्कथन : राजनीतिक जीवन बनाम सामाजिक जीवन —Pgs.

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  • Stock: 10
  • Model: PP2291
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP2291
  • ISBN: 9789353221508
  • ISBN: 9789353221508
  • Total Pages: 192
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2021
₹ 400.00
Ex Tax: ₹ 400.00