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युद्ध : रक्षा विज्ञान - Ashok Chakravijeta

युद्ध : रक्षा विज्ञान - Ashok Chakravijeta
भारत पराक्रमियों का देश है। प्राचीनकाल से लेकर वर्तमान काल तक हमारे शूरवीरों की अनेक पराक्रम-गाथाएँ प्रचलित हैं। हमारा प्राचीन इतिहास पराक्रम की गाथाओं से भरा पड़ा है। देश पर जब-जब संकट की घटाएँ गहराईं, तब-तब युवा पराक्रम अपना शौर्य दिखाता नजर आया। भारतवर्ष अपने इन्हीं युवाओं के कारण सदैव से विश्व-पटल पर अनुकरणीय उदाहरण बनकर खड़ा रहा है। देश ने जब भी अपने युवाओं को पुकारा, वे देश पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने को दौड़े चले आए। युवा आज भी अपनी जान पर खेलकर राष्ट्र की एकता को अक्षुण्ण बनाए हुए हैं। ‘अशोक चक्र’ शांति के समय अभूतपूर्व वीरता के प्रदर्शन हेतु प्रदान किया जाता है। 27 जनवरी, 1967 को ‘अशोक चक्र’ नामित किया गया। पहले इसका नाम ‘अशोक चक्र वर्ग 1’ रखा गया था। यह भी गणतंत्र दिवस पर प्रतिष्ठित किया गया, किंतु 15 अगस्त, 1947 से ही मान्य हुआ। यह पुस्तक अशोक चक्र से विभूषित पराक्रमी वीरों-हुतात्माओं का पुण्य-स्मरण कराती है। हर भारतीय के लिए पठनीय पुस्तक, जो राष्ट्रभक्ति-राष्ट्रसेवा का महती भाव उत्पन्न करेगी।अनुक्रमभूमिका—71. पराक्रमी भारत—152. हमारी युवा शति—263. हमारे अर्धसैनिक बल एवं सशस्त्र बल—294. केंद्रीय पुलिस संगठन (टियर 1)—315. केंद्रीय अर्धसैनिक बल (टियर 2)—336. रक्षा बल (भारतीय सशस्त्र बल) हमारी सेना—417. शौर्य सम्मान (पदक)—498. अशोक चक्र—67• हवलदार बचिर सिंह—69• नायक नरबहादुर थापा —71• लाइट लेटिनेंट सुहास बिस्वास—73• कैप्टन दामोदर काशीनाथ जतार—76• लांस नायक सुंदर सिंह—78• हवलदार जोगिंदर सिंह—80• सेकेंड लेटिनेंट पोलुर मुत्थुस्वामी रमन—83• लेटिनेंट कर्नल जगन्नाथ रावजी चिटनिस—86• कैप्टन ऐरिक जेम्स टकर —88• कैप्टन मन बहादुर राय एम.सी, आई.डी.सी.एस. 90• सूबेदार मेजर खड़का बहादुर लिंबू, एम.सी. 92• श्री चमन लाल—94• श्री तेज सिंह—96• श्री लज्जाराम—98• श्री पुरुषोत्तम—100• हेड कांस्टेबल शंकरलाल श्रीवास्तव—101• श्री हुकुम सिंह—103• श्री लाखन सिंह—105• श्री गोविंद सिंह—107• श्री तखत सिंह—109• श्री धनपत सिंह—111• कैप्टन जसराम सिंह—113• श्री बैजनाथ सिंह—115• श्री भूरेलाल—117• कैप्टन उम्मेद सिंह माहरा—119• श्री मुन्नीलाल —121• नायब सूबेदार गुरनाम सिंह—123• सेकेंड लेटिनेंट सायरस एडी पीठावाला —125• स्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा —127• कर्नल यूरी वासीलेविच माल्यशेव—129• श्री गेनेडी मिखाइलोविच स्त्रेकालोव—131• मेजर भूकांत मिश्रा—133• कैप्टन जसबीर सिंह रैना —135• नायक भवानीदा जोशी—137• लेटिनेंट रामप्रकाश रोपड़िया—139• नायक निर्भय सिंह—142• लांस हवलदार छेरिंग मुथुप —145• श्री विजय जागीरदार—147• सुश्री नीरजा भनोट—149• श्री रणधीर प्रसाद वर्मा—152• कैप्टन संदीप शंकला —154• सेकेंड लेटिनेंट राकेश सिंह—157• कर्नल नीलकांतन जयचंद्रन नायर—160• सूबेदार सुजान सिंह—163• लेटिनेंट कर्नल हर्ष उदय सिंह गौड़—166• मेजर राजीव कुमार जून—169• कैप्टन अरुण सिंह जसरोटिया—172• लेटिनेंट कर्नल शांति स्वरूप राणा—174• सेकेंड लेटिनेंट पुनीत नाथ दा—177• मेजर सुधीर कुमार वालिया एस.एम. ऐंड बार—180• नायक रामबीर सिंह तोमर—183• कांस्टेबल (महिला) कमलेश कुमारी—185• श्री जगदीश प्रसाद यादव—187• श्री मतबार सिंह नेगी—189• सूबेदार सुरिंदर सिंह—191• सूबेदार सुरेश चंद यादव—193• पैराट्रूपर संजोग छेत्री—195• लेटिनेंट त्रिवेणी सिंह—197• कैप्टन हर्षण आर—199• नायब सूबेदार चुन्नीलाल—201• कर्नल वसंत वी. वेणुगोपाल—204• मेजर दिनेश रघुरामन—206• श्री रेमंड फिलिप दिंगदोह —208• श्री प्रमोद कुमार सत्पथी—210• कर्नल जोजॉन थॉमस—212• श्री मोहनचंद शर्मा—214• हवलदार बहादुर सिंह बोहरा—216• श्री हेमंत कमलाकर करकरे—218• श्री अशोक मारुतराव कामटे—220• श्री विजय शाहदेव सालस्कर—223• श्री तुकाराम गोपाल ओंबले—225• मेजर संदीप उन्नीकृष्णन—227• हवलदार गजेंद्र सिंह—229• मेजर डी. श्रीराम कुमार—231• मेजर मोहित शर्मा—233• हवलदार राजेश कुमार—235• मेजर लेशराम ज्योतिन सिंह—237• लेटिनेंट नवदीप सिंह सैनी—240• इंस्पेटर के.एल.वी.एस.एस.एन. वारा प्रसाद बाबू—242• मेजर मुकुंद वरदराजन—244 

युद्ध : रक्षा विज्ञान - Ashok Chakravijeta

Ashok Chakravijeta - by - Prabhat Prakashan

Ashok Chakravijeta - भारत पराक्रमियों का देश है। प्राचीनकाल से लेकर वर्तमान काल तक हमारे शूरवीरों की अनेक पराक्रम-गाथाएँ प्रचलित हैं। हमारा प्राचीन इतिहास पराक्रम की गाथाओं से भरा पड़ा है। देश पर जब-जब संकट की घटाएँ गहराईं, तब-तब युवा पराक्रम अपना शौर्य दिखाता नजर आया। भारतवर्ष अपने इन्हीं युवाओं के कारण सदैव से विश्व-पटल पर अनुकरणीय उदाहरण बनकर खड़ा रहा है। देश ने जब भी अपने युवाओं को पुकारा, वे देश पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने को दौड़े चले आए। युवा आज भी अपनी जान पर खेलकर राष्ट्र की एकता को अक्षुण्ण बनाए हुए हैं। ‘अशोक चक्र’ शांति के समय अभूतपूर्व वीरता के प्रदर्शन हेतु प्रदान किया जाता है। 27 जनवरी, 1967 को ‘अशोक चक्र’ नामित किया गया। पहले इसका नाम ‘अशोक चक्र वर्ग 1’ रखा गया था। यह भी गणतंत्र दिवस पर प्रतिष्ठित किया गया, किंतु 15 अगस्त, 1947 से ही मान्य हुआ। यह पुस्तक अशोक चक्र से विभूषित पराक्रमी वीरों-हुतात्माओं का पुण्य-स्मरण कराती है। हर भारतीय के लिए पठनीय पुस्तक, जो राष्ट्रभक्ति-राष्ट्रसेवा का महती भाव उत्पन्न करेगी।अनुक्रमभूमिका—71.

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  • Stock: 10
  • Model: PP2032
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP2032
  • ISBN: 9789351869733
  • ISBN: 9789351869733
  • Total Pages: 248
  • Edition: Edition Ist
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2018
₹ 500.00
Ex Tax: ₹ 500.00