भक्ति साहित्य - Bharatiya Kala Darshan
भारत की कला बहुत गहराइयों में ले जाती है। आदमी गहराइयों में उतरता चला जाता है, यह भारतीय कला की विशेषता है। भारत की कला भारतीय संस्कृति की वाहिका है। कला संस्कृति को लेकर चलती है। हमारे सामने सबसे बड़ा प्रश्न यही खड़ा हो जाता है कि कला जिस संस्कृति को लेकर चलती है, वह संस्कृति क्या है? अंग्रेजी में हम लोग उसको कल्चर कहते हैं। कल्चर और संस्कृति दोनों समानार्थी नहीं हैं।
संस्कृति अलग चीज है। संस्कृति का केंद्रबिंदु अलग है। संस्कृति का केंद्रबिंदु जो है, वह भारत में अध्यात्म है। भारत की संस्कृति अध्यात्म को लेकर चलती है।अनुक्रमप्रस्तावना : संस्कृति नैमिषेय एक समेकित प्रयास — 9भूमिका — 131. दिव्य नैमिषारण्य तीर्थ — नारायण दत्त शर्मा — 192. भारतीय कला और संस्कृति — डॉ. कृष्ण गोपाल — 293. संस्कार से संस्कृति की ओर — शेखर सेन — 504. कला का भारतीय दर्शन — डॉ. एस.आर. रामास्वामी — 545. नैमिषारण्य तीर्थ एवं उसकी परंपरा — प्रो. भगवत् शरण शुक्ल — 636. सामाजिक व्यवस्था के निर्माण व संचालन में कला की भूमिका — संतोष तनेजा — 737. लोक-संस्कृति : मानव-संस्कृति — श्यामसुंदर दुबे — 798. सांस्कृतिक वाटिका में शास्त्रीय नृत्य के पुष्प — शशिप्रभा तिवारी — 849. कलाओं में भारतीय दर्शन — c. गिरीश ठाकर — 9710. भारतीय तंत्राधारित चित्राभिव्यक्तियाँ : एक परिचय — डॉ. भारत भूषण — 10411. भारतीय कला दर्शन और चाक्षुषकला — श्याम शर्मा — 11212. भारतीय दर्शन से अनुप्राणित भवाई लोकनाट्य — डॉ. बलवंत जानी — 11713. ऋग्वेद काल में श्रीगंगा —आचार्य भागीरथप्रसाद त्रिपाठी ‘वागीश शास्त्री’ — 12214. संस्कृति-अजस्र राग धर्मिता — ऋता शुक्ल — 12715. कला में अमरत्व का स्पर्श होता है — अमृतलाल वेगड़ — 13116. राष्ट्रीय एवं सामाजिक चुनौतियों के समाधान में कला की भूमिका — डॉ. योगेंद्र प्रताप सिंह — 13917. प्राचीन भारत में शब्दसंक्षेप कला का निरूपण — आचार्य भागीरथप्रसाद त्रिपाठी ‘वागरीश शास्त्री’ — 14618. चुनौतियों के समाधान में कलाश्री की भूमिका — अयोध्या प्रसाद गुप्त ‘कुमुद’ — 151
भक्ति साहित्य - Bharatiya Kala Darshan
Bharatiya Kala Darshan - by - Prabhat Prakashan
Bharatiya Kala Darshan - भारत की कला बहुत गहराइयों में ले जाती है। आदमी गहराइयों में उतरता चला जाता है, यह भारतीय कला की विशेषता है। भारत की कला भारतीय संस्कृति की वाहिका है। कला संस्कृति को लेकर चलती है। हमारे सामने सबसे बड़ा प्रश्न यही खड़ा हो जाता है कि कला जिस संस्कृति को लेकर चलती है, वह संस्कृति क्या है?
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- Model: PP1992
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1992
- ISBN: 9789352665556
- ISBN: 9789352665556
- Total Pages: 160
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2018
₹ 300.00
Ex Tax: ₹ 300.00