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जीवनी - Shahnai Vadak Ustad Bismillah Khan

जीवनी - Shahnai Vadak Ustad Bismillah Khan
विश्वविख्यात शहनाईवादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ का जन्म डुमराँव (बिहार) के एक संगीतज्ञ घराने में हुआ। अपने चाचा उस्ताद अली बक्श से उन्होंने संगीत की शिक्षा पाई, जो काशी विश्वनाथ मंदिर के शहनाईवादक थे। सन् 1937 में कलकत्ते में हुए अखिल भारतीय संगीत समारोह में श्रोताओं को अपनी शहनाई की स्वर-लहरियों से मंत्रमुग्ध करके उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ ने शहनाई के साज को शास्त्रा्य संगीत के उच्च मंच पर बिठाया। 15 अगस्त, 1947 को देश के प्रथम स्वाधीनता समारोह में और फिर 26 जनवरी, 1950 को प्रथम गणतंत्र दिवस पर दिल्ली का ऐतिहासिक लाल किला उनके सुमधुर शहनाई वादन का साक्षी बना। उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ ने भारत के अनगिनत संगीत समारोहों के अतिरिक्त इराक, कनाडा, पश्चिम अफ्रीका, अमेरिका, सोवियत संघ, जापान, हांगकांग आदि अनेक देशों में जाकर अपनी शहनाई का जादू बिखेरा। गहरी धार्मिक आस्था के साथ-साथ देशभक्ति की भावना उनमें कूट-कूटकर भरी हुई थी। अपने अल्लाह के साथ ही वह माँ सरस्वती के भी अनन्य भक्त थे। उन्हें बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी और गंगा से गहरा लगाव था। जब एक अमेरिकन विश्वविद्यालय ने अपने यहाँ स्थायी रूप से विश्वविद्यालय का संगीतज्ञ बनने का प्रस्ताव भेजा तो उस्ताद ने विनम्रतापूर्वक कहा कि वह अमेरिका तभी आ सकते हैं, जब वह अपनी माँ गंगा को भी साथ ला सकें। उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत-रत्न’ देकर उनके हुनर का विशिष्ट सम्मान किया गया।

जीवनी - Shahnai Vadak Ustad Bismillah Khan

Shahnai Vadak Ustad Bismillah Khan - by - Prabhat Prakashan

Shahnai Vadak Ustad Bismillah Khan -

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  • Stock: 10
  • Model: PP1172
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1172
  • ISBN: 9788173157356
  • ISBN: 9788173157356
  • Total Pages: 128
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2018
₹ 300.00
Ex Tax: ₹ 300.00