प्रश्नोत्तरी शृंखला - 1000 Sangeet Prashnottari
संगीत प्राचीन काल से ही समाज का अभिन्न अंग रहा है। प्रत्येक संस्कार, उत्सव, त्योहार, धार्मिक अनुष्ठान, फसल की बुवाई-कटाई आदि अवसरों पर गाए जानेवाले लोकगीत हमें आध्यात्मिकता, सामाजिकता, कर्तव्यपरायणता व श्रम-परिहार की चेतना प्रदान करते हैं। परीक्षण और अनुसंधान से इस तथ्य की पुष्टि हुई है कि गायें संगीत सुनकर अधिक दूध देती हैं, वहीं अनुकूल संगीत के प्रभाव से पौधे अपेक्षाकृत शीघ्रता से बढ़ते हैं तथा फसल अच्छी होती है। इसके महत्त्व को देखते हुए आज ‘संगीत चिकित्सा’ को भी विकसित किया जा रहा है। आजकल संगीत की शिक्षा एक प्रतिष्ठित विषय के रूप में विद्यालय एवं विश्वविद्यालय स्तर तक के पाठ्यक्रमों में दी जा रही है। संगीत के अनेक पहलुओं पर शोध कार्य हो रहे हैं। प्रांतीय, अखिल भारतीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित विविध लिखित एवं मौखिक प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य विषयों के साथ संगीत विषयक प्रश्न भी पूछे जाते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में संगीत के अति महत्त्वपूर्ण पक्षों को उद्भाषित करने का प्रयास किया गया है। इससे संगीत शिक्षार्थियों एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षार्थियों के साथ ही संगीत के जिज्ञासु सामान्य पाठक भी लाभान्वित होंगे।
प्रश्नोत्तरी शृंखला - 1000 Sangeet Prashnottari
1000 Sangeet Prashnottari - by - Prabhat Prakashan
1000 Sangeet Prashnottari -
- Stock: 10
- Model: PP1842
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1842
- ISBN: 8177210912
- ISBN: 8177210912
- Total Pages: 176
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2011
₹ 175.00
Ex Tax: ₹ 175.00