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Fiction : Novel - Ekda Naimisharanye

Fiction : Novel - Ekda Naimisharanye
एक पुण्य-स्थान के रूप में नैमिषारण्य का उल्लेख बहुत सारे पुराणों में प्राप्त होता है। यही वह स्थान है जहाँ ऋषि-मुनि, कोई समस्या उपस्थित होने पर सभा करते थे। यहीं अधिक यज्ञ-यजन हुए।यह नागर जी की एकमात्र पौराणिक, पर श्रेष्ठ कृति है। सारे पात्र पौराणिक हैं, कल्पित और अकल्पित भी। पौराणिक गाथाओं का ही इसमें उद्घाटन हुआ है। पौराणिक और सर्वख्यात नारद तो इसके मुख्य पात्रों में हैं। नारद इसमें वेद-वेदान्तों, ज्योतिष, व्याकरण, छन्द-शास्त्र स्मृति-ग्रन्थों यहाँ तक कि गान और नृत्य के अद् भुत ज्ञाता के रूप में प्रस्तुत हुए हैं।नारद का ज्ञान नागर का ही ज्ञान है, और यह तथ्य इस प्रसिद्ध उपन्यासकार के असामान्य स्वाध्याय और ज्ञान-गरिमा को प्रकाश में लाता है।उपन्यास पुनर्जागरण का सन्देशवाहक है। मुख्य पात्र हैं भार्गव सोमाहुति।

Fiction : Novel - Ekda Naimisharanye

Ekda Naimisharanye - by - Lokbharti Prakashan

Ekda Naimisharanye -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP3938
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP3938
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 340p
  • Edition: 2015, Ed. 2nd
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2008
₹ 500.00
Ex Tax: ₹ 500.00