Shayari - Tarkash
तरकशऊँची इमारतों से मकान मेरा घिर गयाकुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गएजावेद एक अच्छे बोलनेवाले, एक अच्छे सोचनेवाले, काव्य-समर्थ उत्तर-आधुनिक कवि हैं। ताज़गी, गहराई और विविधता, भावनाओं की ईमानदारी और ज़िन्दगी में नए भावों की तलाश उनकी शायरी की विशेषताएँ हैं।नाज़ुक-ख़याली और फ़सीहुल-बयानी उनको विरासत में मिली है। वह कभी-कभी पारम्परिक शे’र कह लें मगर बुरी शायरी नहीं कर सकते।तरकश ग़मे-जानाँ और ग़मे-दौराँ के तीरों से भरा है। बचपन की मीठी या कड़वी यादें हर अदीब या शायर के लिए स्थायी साबित हुई हैं। जावेद अख़्तर की चन्द ऐसी नज़्में जो उनकी ज़ख़मी भावनाओं और अनुभूतियों का दर्पण हैं, पारदर्शी आत्मकथा के तौर पर पढ़ी जा सकती हैं।जावेद ने अचेत रूप में उर्दू कल्चर के ज़रिए इस सूफ़ी तहज़ीब की ख़ास विशेषताओं यानी धर्मनिरपेक्ष और मानवप्रेमी मूल्यों को भी क़ुबूल किया है। उनका वैल्यू सिस्टम सही है और वह बुनियादी तौर पर प्रगतिशील हैं।–कुर्रतुल ऐन हैदर
Shayari - Tarkash
Tarkash - by - Rajkamal Prakashan
Tarkash -
- Stock: 10
- Model: RKP1149
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP1149
- ISBN: 0
- Total Pages: 164p
- Edition: 2021, Ed 15th
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
- Year: 1995
₹ 199.00
Ex Tax: ₹ 199.00