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Culture - Ahinsa Ki Sanskriti : Aadhar Aur Aayam

Culture - Ahinsa Ki Sanskriti : Aadhar Aur Aayam
'हम भयावह रूप से हिंसक समय में रह रहे हैं। हिंसा, हत्या, आतंक, मारपीट, असहिष्णुता, घृणा आदि भीषण दुर्भाग्य से एक नई नागरिक शैली ही बन गए हैं। असहमति की जगह समाज और सार्वजनिक संवाद में तेज़ी से सिकुड़ रही है। हमारे युग में अहिंसा के सबसे बड़े सार्वजनिक प्रयोक्ता महात्मा गाँधी का 150वाँ वर्ष हमने हाल ही में मनाया है। रज़ा निजी रूप से गाँधी जी से बहुत प्रभावित थे। ‘रज़ा पुस्तक माला’ के अन्तर्गत हम गाँधी-दृष्टि, जीवन और विचार से सम्बन्धित सामग्री नियमित रूप से प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नन्दकिशोर आचार्य ने एक बौद्धिक के रूप में अहिंसा पर लम्बे अरसे से बहुत महत्त्वपूर्ण काम किया है। एक ऐसे दौर में जब भारत में क्षुद्र वीरता और नीच हिंसा को अहिंसा से बेहतर बताया जा रहा है और संस्कृति के नाम पर अनेक कदाचार रोज़ हो रहे हैं, अहिंसा की संस्कृति को समझने और उस पर इसरार करने का विशेष महत्त्व है।’’ —अशोक वाजपेयी

Culture - Ahinsa Ki Sanskriti : Aadhar Aur Aayam

Ahinsa Ki Sanskriti : Aadhar Aur Aayam - by - Rajkamal Prakashan

Ahinsa Ki Sanskriti : Aadhar Aur Aayam -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP2165
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP2165
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 129p
  • Edition: 2018, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2018
₹ 199.00
Ex Tax: ₹ 199.00