Screenplay - Mulk : Patkatha
मैंने 17 साल की उम्र में जब ‘गरम हवा’ देखी थी तो मुझे अपना सिर्फ़ भारतीय होना पता था। मैं ‘मुल्क’ देखते हुए रोती रही, क्योंकि अब मुझे पता है कि मुसलमान होना क्या होता है और उसके साथ क्या-क्या आता है।—राना सफ़वी, इतिहासकार‘मुल्क’ देखकर मेरा मन किया कि मैं ख़ुशी से चिल्लाऊँ। बहुत ज़ोर से।—शुभ्रा गुप्ता, फ़िल्म समीक्षक, ‘इंडियन एक्सप्रेस’निडर, दमदार और सम्मोहक।—सैबल चटर्जी, फ़िल्म समीक्षक, ‘एनडीटीवी’‘मुल्क’ ने बतौर भारतीय मुझे गर्व और ख़ुशी से भर दिया।—विशाल ददलानी, गायक-संगीतकारकमाल की फ़िल्म। हर शॉट, हर डायलॉग और हर पल बिल्कुल परफ़ेक्ट।—फ़े डिसूज़ा, पत्रकार‘मुल्क’ की चमक और साहस स्तब्ध कर देते हैं। हमारे समय की सबसे महत्त्वपूर्ण फ़िल्मों में से एक।—शेखर गुप्ता, पत्रकार एवं सम्पादक
Screenplay - Mulk : Patkatha
Mulk : Patkatha - by - Rajkamal Prakashan
Mulk : Patkatha -
- Stock: 10
- Model: RKP1651
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP1651
- ISBN: 0
- Total Pages: 160p
- Edition: 2018, Ed. 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paper Back
- Year: 2018
₹ 150.00
Ex Tax: ₹ 150.00