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Poetry - Aadhunik Awadhi Kavita : Pratinidhi Chayan : 1850 Se Ab Tak

Poetry - Aadhunik Awadhi Kavita : Pratinidhi Chayan : 1850 Se Ab Tak
अवधी भाषा की कविता-यात्रा हज़ार वर्षों से कहीं अधिक लम्बी रही है जिसे अब तक गतिमान भाषा की महायात्रा के रूप में देखा जाना चाहिए। सभी आधुनिक आर्यभाषाओं की तरह अवधी की शुरुआत भी दसवीं शताब्दी से मानी जाती है। भाषा के लिखित रूप के साक्ष्य पर। लेकिन इस भाषा का उद्भव दसवीं सदी के कितने सैकड़े पहले हुआ, ठीक-ठीक कह पाना कठिन है। अवधी में लोकसाहित्य कब से लिखा जा रहा है, यह भी कोई नहीं बता सकता। परन्तु यह अनुमान हवाई नहीं है कि जो भाषा दसवीं-ग्यारहवीं सदी के आसपास अपने लिखित रूप में मौजूद दिखती है, उसका मौखिक रूप भी कहीं और पहले से आकार लेता हुआ, विस्तृत, ऊर्जावान और आकर्षक रहा होगा। भाषा से 'बोली' के दर्जे में पहुँचा दिए जाने के बावजूद आधुनिक काल में अवधी रचनात्मकता रुकी नहीं। कवियों ने अपने घर, गाँव और अवध की भाषा में लिखा और असरदार लिखा। कोई उन्हें देख रहा है कि नहीं, रचना कहीं से छपेगी कि नहीं, कोई कभी मूल्यांकन करेगा कि नहीं; इन सबसे बेख़बर होकर अवधी साहित्यकारों ने सिर्फ़ लिखा। इसका सुपरिणाम यह हुआ कि अवधी के आधुनिक काम में रचनाकारों और रचनाओं की कमी नहीं है। पूरे अवध में, और अवध से बाहर भी, अवधी रचनाकारों ने विपुल साहित्य रचा। वह कितना मूल्यवान है, यह अलग मसला है, लेकिन नाना नकारात्मकताओं के मध्य अवधी की रचनात्मक चेष्टा की सराहना की जानी चाहिए। यह किताब उसी दिशा में एक प्रयास है।

Poetry - Aadhunik Awadhi Kavita : Pratinidhi Chayan : 1850 Se Ab Tak

Aadhunik Awadhi Kavita : Pratinidhi Chayan : 1850 Se Ab Tak - by - Rajkamal Prakashan

Aadhunik Awadhi Kavita : Pratinidhi Chayan : 1850 Se Ab Tak -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP626
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP626
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 232p
  • Edition: 2020, 1st Ed.
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2020
₹ 199.00
Ex Tax: ₹ 199.00
Tags: aadhunik , awadhi , kavita , : , pratinidhi , chayan , : , 1850 , se , ab , tak , poetry , hindi , gagan , notebook