Linguistics - Hindi Bhasha Ka Udgam Aur Vikas
प्रस्तुत पुस्तक ‘हिन्दी भाषा का उद्गम और विकास’ में हिन्दी का ऐतिहासिक तथा तुलनात्मक व्याकरण उपस्थित किया गया है। विवेचन के लिए परिनिष्ठित हिन्दी के रूप को लिया गया है। हिन्दी की विभिन्न बोलियों के सम्बन्ध में अब तक अल्प सामग्री ही प्रकाश में आई है। पुस्तक को दो भागों में विभक्त किया गया है। पूर्व पीठिका में भारोपीय से लेकर अपभ्रंश तथा संक्रातिकालीन भाषा की सामग्री दी गई है और उत्तरपीठिकामें केवल हिन्दी भाषा का ऐतिहासिक तथा तुलनात्मक व्याकरण दिया गया है।पुस्तक की पूर्व पीठिका में भारोपीय वैदिक संस्कृति, पालि-प्रकृत आदि के सम्बन्ध में जो सामग्री दी गई है, उसे जाने बिना भाषा-विज्ञान का अध्ययन करना व्यर्थ का परिश्रम करना है। यह सामग्री केवल हिन्दी के भाषा विज्ञान के अध्ययन करनेवालों के लिए ही आवश्यकनहीं है, अपितु पालि, प्राकृत तथा अपभ्रंश के भी प्रारम्भिक अध्ययन के लिए आवश्यक
है।आशा है, हिन्दी के अतिरिक्त संस्कृत एवं पालि-प्रकृत के विद्यार्थी भी इससे लाभ उठाएँगे।
Linguistics - Hindi Bhasha Ka Udgam Aur Vikas
Hindi Bhasha Ka Udgam Aur Vikas - by - Lokbharti Prakashan
Hindi Bhasha Ka Udgam Aur Vikas -
- Stock: 10
- Model: RKP3915
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP3915
- ISBN: 0
- Total Pages: 456p
- Edition: 2019, Ed. 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back
- Year: 2019
₹ 700.00
Ex Tax: ₹ 700.00