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Fiction : Novel - Narak-Yatra

Fiction : Novel - Narak-Yatra
ज्ञान चतुर्वेदी का यह उपन्यास ‘नरक-यात्रा’ महान रूसी उपन्यासों की परंपरा में है, जो कहानी और इसके चरित्रों के हर संभव पक्ष तथा तनावों को अपने में समेटकर बढ़ा है। यह उपन्यास भारत के किसी भी बड़े सरकारी अस्पताल के किसी एक दिन मात्र की कथा कहता है। अस्पताल, जो नरक से कम नहीं, विशेष तौर पर गरीब आम आदमी के लिए।लेखक हमें अस्पताल के इसी नरक की सतत यात्रा पर ले जाता है, जो अस्पताल के हर कोने में तो व्याप्त है ही, साथ ही इसमें कार्यरत लोगों की आत्मा में भी फैल गया है। ऑपरेशन थिएटर से अस्पताल के रसोईघर तक, वार्ड बॉय से सर्जन तक–हर चरित्र और स्थिति के कर्म-कुकर्म को लेखक ने निर्ममता से उजागर किया है। उसकी मीठी छुरी-सी पैनी जुबान और उछालकर मजा लेने की प्रवृत्ति इस निर्मम लेखन-कर्म को और भी महत्त्वपूर्ण बनाती है। किसी सुधारक अथवा क्रांतिकारी लेखक का लबादा ओढ़े बगैर ज्ञान चतुर्वेदी ने निर्मम, गलीज यथार्थ पर सर्जनात्मक टिप्पणी की है और खूब की है।यह उपन्यास अद्भुत जीवन तथा उतने ही अद्भुत जीवन-चरित्रों की कथा को ऐसी भाषा में बयान करता है जो आम आदमी के मुहावरों और बोली से संपन्न है, जिसमें मजे लेकर बोली जानेवाली अदा और बाँध लेने की शक्ति है।–स्वदेश दीपक

Fiction : Novel - Narak-Yatra

Narak-Yatra - by - Rajkamal Prakashan

Narak-Yatra -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP1128
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP1128
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 239p
  • Edition: 2021, Ed. 4th
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2010
₹ 299.00
Ex Tax: ₹ 299.00