Satire - Khoya Pani - Paperback
‘‘मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी का यह व्यंग्य-उपन्यास पाठक को व्यंग्य की नयी ताक़त, तेवर और तरावट से परिचित कराता है। पार्टीशन द्वारा हिंदुस्तान के दो हिस्से हो जाने के बाद का दर्द भी और यथार्थ भी, यादें भी और बदलती दुनिया की बातें भी, और पात्र सारे ऐसे कि जिन्हें घनघोर यथार्थ से उठाकर उन पर फ़ंतासी का रंग-रोगन कर दिया गया हो। धार्मिक कठमुल्लापन की बेलौस खिल्ली बिना लाग-लपेट के। आम मुसलमान के जीवन की मुश्किलें, सपने और हक़ीक़त। हास्य की पराकाष्ठा। इम्प्रोवाइज़ेशन के अद्भुत प्रयोग। भाषा के मायावी खेल। नायाब चरित्र। इन्सान और इन्सानियत से प्रेम करने का एक कोमल तागा, जो पूरी रचना को यहाँ से वहाँ तक जोड़ता है। जुम्लेबाजी के एक से बढ़कर एक प्रयोग कि जिन्हें कंठस्थ करके किसी को भी सुनाने का मन करे। बेहद ताक़तवर, दिलकश, पठनीय और बार-बार पढ़ने के लिए प्रेरित करने वाला।’’ - ज्ञान चतुर्वेदी मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी उर्दू के जाने-माने लेखक थे, जिनकी व्यंग्य रचनाएँ अपना एक अलग स्थान रखती हैं। 1990 में लिखे उनके उपन्यास ‘आबे-गुम’ का यह हिन्दी अनुवाद है। तुफ़ैल चतुर्वेदी ने इसका अनुवाद ऐसी सहज भाषा में किया है कि पढ़ते हुए लगता है मानो यह हिन्दी की ही मूलकृति हो।
Satire - Khoya Pani - Paperback
Khoya Pani - Paperback - by - Rajpal And Sons
Khoya Pani - Paperback -
- Stock: 10
- Model: RAJPAL1115
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL1115
- ISBN: 9789389373028
- ISBN: 9789389373028
- Total Pages: 288
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2019
₹ 375.00
Ex Tax: ₹ 375.00